राजनांदगांव। डोंगरगढ़ विकासखंड के मोहरा थाना क्षेत्र का मामला प्रकाश में आया है. जहां पर पुलिस के बेटे ने 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म किया है. ASI का बेटा दुष्कर्म किया है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटना को दबाने की कोशिश की जा रही है. वहीं पुलिस ने कहा कि आरोपी नाबालिग जिसे बाल न्यायालय में पेश किया गया है.

दरअसल, डोंगरगढ़ थाना अंतर्गत मोहरा चौकी इलाके में 5 वर्षीय बच्ची के साथ अनाचार होने का मामला सामने आया है. 29 अप्रैल 2022 कि सुबह 9:00 बजे का घटना बताया जा रहा है. दुष्कर्म का आरोपी ASI का बेटा होना बताया गया है. 5 वर्ष की बेटी जब घर के बाहर खेल रही थी, तब सुबह 9:00 बजे आरोपी ने चॉकलेट देने के बहाने बहला-फुसलाकर अपने घर में ले जाकर अनाचार किया.

घटना से डरी सहमी बच्ची रोती बिलखती बाहर निकली, तब प्रथम दृष्टया ने बताया कि बच्ची के कपड़ा में खून था, जिससे पूछे जाने पर बच्ची ने घटना की पूरी जानकारी बताई कि आरोपी ने आसपास को सुना देखकर बच्ची को चॉकलेट देने के बहाने अपने घर ले जाकर वह कुकर्म किया.

जब पीड़िता बच्ची की माता और पड़ोस में रहने वाली महिलाओं ने देखा कि बच्ची के अंग में कपड़े नहीं थे. साथ ही घटनास्थल पर पहुंचे तब पाया कि आरोपी भी निर्वस्त्र अवस्था में था, जिसके बाद पीड़िता के परिजनों ने घटना की जानकारी देने पुलिस चौकी मोहारा पहुंचे. वहां लगभग 11:00 बजे एफ आई आर दर्ज कराई.

पीड़िता के पिता ने बताया कि दुष्कर्म के आरोपी के पिता एएसआई घटना को रफा-दफा करने की बात कही. पीड़िता के पिता ने बताया कि वह घटना की एफ आई आर दर्ज कराने लगभग 11:00 बजे पुलिस चौकी पहुंचे .जहां पर काफी समय बाद शिकायत दर्ज की गई.

उन्होंने यह भी तय की बताया कि मुलाहिजा के लिए पुलिस चौकी से लगभग 7:00 से 8:00 के बीच पीड़ित बच्ची और आरोपी को एक साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ भेजा गया. जहां पर आरोपी का डॉ चौधरी द्वारा लगभग रात्रि 8:30 बजे मुलाहिजा किया गया. पीड़िता बच्ची का एमएलसी नहीं किया गया. पीड़िता के पिता ने घटना को दबाने की आरोप लगाया है.

पीड़िता के पिता ने सीधा आरोप लगाया है कि घटना 29/4/ 2022 सुबह 9:00 बजे का है जिसकी सूचना 11:00 बजे पुलिस चौकी मोहारा में दिया गया. जहां से शाम 7:00 बजे के बाद मुलाहिजा के लिए भेजा गया. वहां केवल आरोपी का मुलाहिजा किया गया पीड़िता बच्ची का मुलाहिजा नहीं किया गया.

इस पर परिजनों ने डॉक्टर से कारण पूछा तो बच्ची सो रही है का बहाना बनाकर एमएलसी करने से इंकार कर दिया गया. उन्हें सुबह 9:00 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ लेकर आने कहा गया. जहां पर ड्यूटी से नदारद रही. डॉक्टर सुचित्रा श्रीवास्तव लगभग 11:00 बजे के बाद हॉस्पिटल पहुंची. वह भी घटना की 24 घंटे पूरा होने के बाद जहां पीड़िता का एमएलसी को घटना के 24 घंटे के भीतर करना होता है. डॉक्टरों के द्वारा आखिर ऐसा क्यों किया गया होगा, मासूम बच्ची ने क्या बिगाड़ा होगा.