Sports Desk. चीन के हांगझोउ (Hangzhou, China) में जारी 19वें एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में शनिवार को भारत के खाते में एक और गोल्ड आया. इस बार रोहन बोपन्ना और रुतुजा भोसले (Rohan Bopanna and Rutuja Bhosale) की भारतीय जोड़ी ने टेनिस स्पर्धा (Tennis) के मिक्स डबल्स वर्ग (Mixed doubles event) में स्वर्णिम सफलता अर्जित की. बोपन्ना-भोसले ने फाइनल में चीनी ताइपै के सुंग हाओ हुआंग और एन शुओ लियांग (Chinese Taipei’s Yu-Hsiou Hsu and Hao-ching Chan) को 2-6, 6-3, 10-4 से हरा दिया और टेनिस में मिश्रित युगल स्वर्ण जीतकर देश का परचम लहराया. फाइनल में हालांकि भारतीय जोड़ी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 2-6 से सेट को गंवा दिया. इसके बाद बोपन्ना और भोसले ने जोरदार वापसी की और अंत में सुपर टाई ब्रेक में मुकाबला अपने नाम किया.

बता दें कि, यह भारत का एशियन गेम्स के इतिहास में टेनिस मिश्रित युगल वर्ग में तीसरा गोल्ड और कुल 7वां पदक है. बोपन्ना-भोसले से पहले लिएंडर पेस और सानिया मिर्जा ने 2006 दोहा एशियन गेम्स तथा साकेत मायनेनी और सानिया मिर्जा की जोड़ी ने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में भारत के लिए मिश्रित युगल वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था. यह एशियन गेम्स के इतिहास में भारत के लिए टेनिस में कुल 10वां स्वर्ण पदक है. इसके साथ ही भारत ने इस सदी में आयोजित सभी छह एशियन गेम्स में कम से कम एक स्वर्ण जीतने का सिलसिला जारी रखा है. इस बार एशियन गेम्स में टेनिस में भारत की झोली में दो ही पदक गिरे जिनमें पुरुष युगल का रजत पदक भी शामिल है.

जीत के बाद अनुभवी टेनिस स्टार बोपन्ना ने कहा कि हमें एक दूसरे की कमजोरियों और ताकत को समझना था. हम यहां पहला सेट हार गए तो मैंने कहा कि साइड बदल लेते हैं. हमें कुछ तो बदलाव करना ही था. उन्होंने कहा कि वे (चीनी ताइपै की जोड़ी) बहुत अच्छा खेल रहे थे. मुझे ऐसा लग रहा था मानो मेरा पहला या दूसरा एशियन गेम्स है. इतने वर्ष खेलने के बाद मैं खुद को जल्दी ढाल लेता हूं. इस तरह के मैचों में यह बहुत जरूरी भी है. गौरतलब है कि फाइनल मैच के पहले सेट में भोसले को अपनी सर्विस और रिटर्न में काफी दिक्कत हुई और चीनी ताइपै के खिलाड़ियों ने उसे ही निशाना बनाया. उन्होंने हालांकि दूसरे सेट में अपने खेल में जबर्दस्त सुधार करके कुछ शानदार रिटर्न लगाए. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis) ने एक्स पर लिखा कि महाराष्ट्र की बेटी भोसले और बोपन्न की वर्षों की कड़ी मेहनत और कोशिश रंग लाई.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें