नोएडा . सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन के जेल जाने के बाद संकट से जूझ रहे निवेशकों के लिए राहत भरी खबर है. एनसीएलएटी में चल रही सुनवाई में सभी रिपोर्ट और प्रस्ताव देखने के बाद न्यायालय ने सिंगापुर की कंपनी को प्लान के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.

ग्रुप के अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए कंपनी और आईआरपी के प्रयासों से अब विदेशी निवेश की तैयारी तेज हो गई है. कंपनी को बताना होगा कि वह कब, कैसे और कितना-कितना निवेश कंपनी के प्रोजेक्टों में करेंगे. एनएसएलएटी में हुई सुनवाई में न्यायालय ने निर्देश देते हुए इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तिथि तय की है. आईआरपी और सुपरटेक ग्रुप का मानना है विदेशी निवेश से उनके अधूरे प्रोजेक्ट पूरे होंगे और निवेशकों को उनका घर मिल सकेगा.

सुपरटेक में विदेशी निवेश को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद कंपनी ने एनसीएलएटी में प्लान दिया था. कंपनी का दावा था कि 18 प्रोजेक्ट के पूरे होने से उन्हें 12 हजार 500 करोड़ रुपये मिलेंगे. इससे वह बकाया चुका देंगे और लोगों को घर उपलब्ध करा देंगे. विदेशी निवेशक से उन्हें 1600 करोड़ मिलेंगे.

सुपरटेक लिमिटेड के 18 प्रोजेक्टों के करीब 50 हजार फ्लैटों का निर्माण पूरा हो सकेगा. 17 हजार खरीदारों को अगले दो सालों में घर सौंप देंगे. इन प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए उन्हें तीन हजार करोड़ रुपये चाहिए.

साढ़े पांच माह से जेल में हैं चेयरमैन आरके अरोड़ा

सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा पिछले करीब साढ़े पांच माह से जेल में हैं और पहली बार उनकी दिवाली सहित अन्य त्यौहार जेल में मने हैं. उन्हें ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में 27 जून को गिरफ्तार किया था.

सुपरटेक इको विलेज-2 के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने और प्रोजेक्ट की सभी कमियों को पूरा करने के लिए आईआरपी ने एक कंपनी से रिज्यूलेशन प्लान तैयार कराया था. आईआरपी हितेश गोयल ने बताया कि प्लान के तहत प्रोजेक्ट में निवास कर रहे पुराने आवंटियों से चार सौ रुपये प्रति स्कावयर फुट और अधूरे पड़े फ्लैटों के आवंटियों से 12 सौ रुपये प्रति स्कवायर फुट की दर से पैसा मांगा गया था. इसे घर खरीदारों ने खारिज कर दिया.