‘विशेष समुदाय’ (मुस्लिम समाज) (muslim samaaj) के लोगों ने घर-शौचालय-सड़क-नौकरी सब PM मोदी (PM Modi) से ली और वोट कांग्रेस को दे दिया। असम (Assam) सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने लोकसभा चुनाव को लेकर विशेष समुदाय’ पर बरसते हुए ये बड़ा दावा किया है। सरमा ने कहा कि अगर असम में कोई सांप्रदायिकता में लिप्त है तो वह केवल एक ही समुदाय है। उन्होंने सारा लाभ मोदी से लिया लेकिन वोट कांग्रेस (Congress) को दिया। उनका उद्देश्य विकास नहीं बल्कि मोदी को हटाकर अपना दबदबा कायम करना था।

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शनिवार को गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान सरमा ने ये बड़ा दावा किया है। असम मुख्यमंत्री ने इसका वीडियो अपने एक्स एकाउंट पर भी शेयर किया है।

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लोकसभा चुनाव को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेशी मूल के अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला बोलते हुए कहा कि इस समुदाय के लोगों को मोदी सरकार से घर, शौचालय, सड़क, सरकारी नौकरी, राशन और प्रति माह 1250 रुपये मिला लेकिन इस समुदाय ने कांग्रेस को वोट दिया क्योंकि इन्हें तुष्टिकरण चाहिए।

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सीएम सरमा ने कहा कि उनका उद्देश्य विकास नहीं बल्कि मोदी को हटाना और अपने समुदाय का दबदबा कायम रखना था। इससे साबित होता है कि हिंदू सांप्रदायिकता में लिप्त नहीं हैं। अगर असम में कोई सांप्रदायिकता में लिप्त है तो वह केवल एक ही समुदाय है।

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असम में NDA ने जीती है 11 सीट

असम में NDA ने 14 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को केवल तीन सीटें मिलीं। अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो एनडीए को 47 प्रतिशत वोट मिले जबकि इंडिया गठबंधन ने 39 प्रतिशत वोट हासिल किए है। CM सरमा ने कहा कि अगर हम कांग्रेस के 39 फीसदी वोट का विश्लेषण करें तो यह पूरे राज्य से नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि इसका 50 प्रतिशत हिस्सा 21 विधानसभा क्षेत्रों में से मिला है, जो अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में बीजेपी को तीन प्रतिशत वोट मिले।

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बीजेपी को 1 से 3 फीसदी पड़े मुस्लिम वोट

बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत नहीं ला सकी। इसके कारण राजनीति पंडितों का भी मानना है कि मोदी ने सभी धर्म के लोगों और वर्गों के लिए काम किया। यहां तक की योजनाओं के लाभ भी सभी धर्म के लोगों को मिला। बावजूद इसके BJP को इतनी कम सीटें क्यों आई? कई एजेंसियों के रिपोर्ट बहुमत नहीं आने के पीछे एक बड़ा कारण मुस्लिमों धर्म का 5% वोट भी बीजेपी को नहीं मिलने के कारण माना गया है। वहीं 2019 में लोकसभा चुनावों में बीजेपी को लगभग 6 से 8 फीसदी वोट मुस्लिमों के मिले थे। वहीं इस बार ये आंकड़ा ओक से तीन फीसदी में सीमट कर रह गया।

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