असम के अशांत कार्बी आंगलोंग जिले में मंगलवार को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। यह तब हुआ जब प्रदर्शनकारियों के दो गुट आपस में भिड़ गए और पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि ताजा हिंसा में कम से कम आठ लोगों के घायल होने की खबर है। इस झड़प और हिंसा के बाद राज्य सरकार ने कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिलों में अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली कायम रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। असम के डीजीपी हरमीत सिंह ने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों से बात कर रही है। एक तारीख तय कर दी गई है। उन्होंने दुकानें जलाई हैं, और अब तक 48 पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं।
अधिकारियों ने क्या बताया
अधिकारियों के मुताबिक, निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद खेरोनी बाजार इलाके में बच्चों और महिलाओं समेत बड़ी संख्या में वे लोग हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे, जिनकी दुकानें भीड़ ने सोमवार को जला दी थीं। उन्होंने बताया कि आदिवासी क्षेत्र से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने की मांग करने वाले आंदोलनकारी भी खेरोनी बाजार इलाके की सड़कों पर एकत्र हुए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों गुटों में भारी आक्रोश था और इलाके में तैनात सुरक्षा बल उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अचानक दोनों गुटों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया, जिसमें कई प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मी और मीडिया कर्मी घायल हो गए।
दागने पड़े आंसू गैस के गोले
अधिकारी के अनुसार, हालात बेकाबू होने पर पुलिस को दोनों गुटों के प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। उन्होंने बताया कि इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है और मौके पर अतिरिक्त बलों को भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने खेरोनी इलाके में दो मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया था।
सीएम सरमा क्या बोले
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि कार्बी आंगलोंग में स्थिति बेहद संवेदनशील है। वरिष्ठ मंत्री रानोज पेगू जिले में मौजूद हैं। मुझे भरोसा है कि मामला जल्द ही सुलझ जाएगा। इससे पहले मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने पेगु के साथ बातचीत के बाद आदिवासी क्षेत्रों से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने की मांग को लेकर जारी अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी।
विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से जुड़े आंदोलनकारी कार्बी आंगलोंग तथा पड़ोसी पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों में व्यावसायिक चरागाह आरक्षित क्षेत्र (पीजीआर) और ग्राम चरागाह आरक्षित क्षेत्र (वीजीआर) में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बेदखल करने की मांग को लेकर 15 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। पेगु ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित करेगी जिसके बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी। पेगु ने बताया कि वार्ता में मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
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