असम में आगामी चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही हैं। राज्य में 2026 में चुनाव होना है। ऐसे मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। भाजपा सरकार का राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली पानी जैसी मूलभूत जरूरतों पर विशेष ध्यान है। अब सीएम हिमंता ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए विश्वबैंक से कर्ज लेने का प्लान बनाया है। इसकी जानकारी सीएम स्वयं दी है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार शिक्षा विभाग की विभिन्न गतिविधियों के समर्थन के लिए विश्व बैंक से 2,750 करोड़ रुपये का ऋण लेगी। यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि ऋण राशि का भुगतान केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से करेंगी।

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2790 करोड़ असम सरकार लेगी कर्ज, लौटाएगी मात्र 10%

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के शिक्षा क्षेत्र के लिए विश्व बैंक से 2,750 करोड़ रुपये का ऋण लेने का फैसला किया है। केंद्र ऋण का 90 प्रतिशत चुकाएगा, जबकि शेष 275 करोड़ रुपये असम सरकार लौटाएगी। उन्होंने कहा कि इस कोष से राज्य भर के 400 स्कूलों के पुनर्निर्माण पर प्रति स्कूल 3-5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, 1733 आंगनवाड़ी केंद्रों के आधुनिकीकरण के लिए प्रत्येक पर 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

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सीएम सरमा ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने ‘थानों की समग्र छवि सुधार मिशन’ (एमओआईटीआरआई) योजना के तहत 150 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि योजना के पहले चरण में 73 पुलिस थानों का निर्माण पूरा हो चुका है और दूसरे चरण में 46 पुलिस थानों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है।

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कभी मित्र थे गौरव और हिमंता

बता दें कि मुख्यमंत्री हिंमता सरमा की आगामी विधानसभा चुनाव में अग्निपरीक्षा है। क्योंकि इस बार उनके सामने कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र गौरव गोगोई को पार्टी का चेहरा बनाया है। गौरव गोगोई एक मझे हुए युवा राजनेता हैं। शुरुआती दिनों में गौरव गोगोई और हिमंता बिस्वा सरमा साथ में राजनीति करते थे। तब हिमंता कांग्रेस में हुआ करते थे। इसलिए अबकी बार का असम चुनाव का काफी दिलचस्प होने जा रहा है।

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