रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को प्रश्नकाल में बस्तर में DMF से प्राप्त राशि का मुद्दा गूंजा. कांग्रेस विधायक ने सवाल किया कि शासी परिषद की बैठक में उनकी बातों को कितनी गंभीरता से लिया जाएगा. इस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी के जवाब पर सदन में मौजूद विधायकों की हंसी फूट पड़ी. इसे भी पढ़ें : नहीं रहे एक्टर Rituraj Singh, कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई मौत …
कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने प्रश्नकाल के दौरान मुद्दा उठाते हुए DMF से बस्तर में स्वीकृत कार्यों की जानकारी मांगी. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अनुपस्थिति में मंत्री ओपी चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि 34 करोड़ के काम बस्तर में स्वीकृत किए गए हैं. राज्यस्तर से कोई काम अस्वीकृत नहीं किया गया है. शासी परिषद की बैठक लेने के निर्देश दिए गए हैं.
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने पूछा कि शासी परिषद की बैठक में पुराने स्वीकृत कार्य यथावत रहेंगे या फिर से निर्णय लिया जाएगा? इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि बैठक में विधायक भी रहेंगे, उनके निर्णय से काम स्वीकृत होंगे. इस पर कांग्रेस के विधायक द्वारिकाधीश यादव ने पूछा कि हमारी बातों को कितने प्रतिशत गंभीरता से लिया जाएगा. इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा की हमारे यहां प्रतिशत नहीं चलता. इस पर सदन में मौजूद विधायकों की हंसी निकल गई.
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने पूछा कि अगर कलेक्टर कार्यों को निरस्त करें तो कहां शिकायत करें? इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा- मुख्यमंत्री या जिले के प्रभारी मंत्री को जानकारी दी जा सकती है. लखेश्वर बघेल ने बताया कि बस्तर कलेक्टर से 6 काम स्वीकृत हुए थे, लेकिन उसे निरस्त कर दिया. इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि कलेक्टर का शासी परिषद में स्वीकृति लेना जरूरी है.
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