रायपुर। विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन सदन ने अविभाजित मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री देवेंद्र कुमारी सिंहदेव को श्रद्धांजलि दी. स्पीकर डॉक्टर चरण दास महंत ने कहा कि राजपरिवार से थी लेकिन उनकी सादगी, मिलनसारिता अनुकरणीय है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनके निधन से हम सब स्तब्ध है. उनका जाना खाली स्थान की तरह है जो कभी भरा नहीं जा सकता.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा राजनीति में उनकी शुचिता हमेशा याद की जाती रहेगी. किसानों और खासतौर पर गरीबों के प्रति उनके किये गए काम हमेशा यादगार रहेंगे. सरकार में मंत्री टी एस सिंहदेव में उनके संस्कार आज भी नजर आते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि राजमाता की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के दौरान मुझे एहसास हुआ कि भावनात्मक रूप से उनसे जुड़े लोगों की एक बड़ी फेहरिस्त है. बीजेपी विधायक अजय चन्द्राकर कहा कि राजमाता ने राजपद से जनपद तक का सफर तय किया है. ऐश्वर्य भरा जीवन छोड़कर आम जन की सेवा के लिए जीवन समर्पित कर दिया.

पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम और जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि उनके निधन के बाद पूरा प्रदेश सरगुजा में उमड़ा था. उनका जाना एक बड़ी क्षति है. एक विदुषी, सौम्य नेता थी. उन्होंने आम लोगों के लिए अपने दरवाजे खोले. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, राजमाता थी लेकिन महलों से निकलकर जनता में लोकप्रिय रहीं. हम टी एस सिंहदेव की सौम्यता, सरलता, सादगी देखते है तो लगता है कि राजमाता के गुण मिल रहे हैं. मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि राजमाता हमेशा सरगुजा की अभिभावक के रूप में रही. उनके जाने से सरगुजा शोकाकुल है. उनके जाने से जो शून्यता बनी है उसकी भरपाई सम्भव नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि दूसरे प्रदेश से आई थी लेकिन सरगुजा में आम जनता से घुल मिल गईं थी. हमे ये कभी महसूस ही नहीं होता था कि अपने से बड़े नेता से, बड़े परिवार की सदस्य से बात कर रहे हैं.