रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने राष्ट्रगान के रचयिता, कवि, उपन्यासकार, नाटककार, चित्रकार रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर स्मरण करते हुए उन्हें याद किया।

डॉ महंत ने कहा कि गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी मानवतावादी विचारक थे, जिन्होंने साहित्य, संगीत, कला और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अपनी अनूठी प्रतिभा का परिचय दिया। रवींद्रनाथ टैगोर भारत ही नहीं एशिया के प्रथम व्यक्ति थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1913 में उनकी कृति गीतांजली के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

उनका मानना था कि छात्रों को प्रकृति के सानिध्य में शिक्षा हासिल करनी चाहिए, अपने इसी सोच को ध्यान में रख कर उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की थी। देश की उन्नति और प्रगति में उनका अमिट योगदान रहा है ।