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क्या अस्थमा के मरीज वर्कआउट कर सकते हैं? अस्थमा के मरीज अक्सर इसी दुविधा में रहते हैं कि उनके लिए क्या करना सही होगा और क्या नहीं? आज हम आपको इसके बारे में ही बताएंगे कि अस्थमा के मरीज वर्कआउट कर सकते हैं, लेकिन कुछ विशेष सावधानियों के साथ. दरअसल, नियमित रूप से फिजिकल एक्टिव रहना अस्थमा को बुरी तरह ट्रिगर करने के बजाय, लंबे समय में कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

वर्कआउट से अस्थमा मरीज को क्या फायदे हो सकते हैं?

  • फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है – रेगुलर एक्सरसाइज़ फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर करती है, जिससे सांस लेने में राहत मिलती है.
  • इम्यून सिस्टम मजबूत होता है – इससे इंफेक्शन का खतरा कम होता है, जो अक्सर अस्थमा अटैक का कारण बनते हैं.
  • वज़न कंट्रोल में रहता है – मोटापा अस्थमा को और खराब कर सकता है, इसलिए वज़न कंट्रोल में रखना जरूरी है.
  • तनाव कम होता है – स्ट्रेस भी अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है। वर्कआउट मूड बेहतर करता है और तनाव घटाता है.

किन एक्सरसाइज को करना चाहिए

  • वॉकिंग – हल्की-फुल्की तेज चाल से चलना.
  • साइकलिंग (Moderate Pace)
  • योग और प्राणायाम – खासकर अनुलोम-विलोम और भ्रामरी
  • स्विमिंग – कई एक्सपर्ट इसे बेस्ट मानते हैं क्योंकि इसमें नमी होती है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है.

कौन-सी सावधानियाँ जरूरी हैं?

  1. वर्कआउट से पहले वॉर्म-अप जरूर करें.
  2. ठंडी और सूखी हवा में एक्सरसाइज न करें – इससे सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है.
  3. इन्हेलर साथ रखें – अगर डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया हो.
  4. धीरे-धीरे वर्कआउट की इंटेंसिटी बढ़ाएं.
  5. वर्कआउट प्लान शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.

कौन-सी एक्सरसाइज से बचना चाहिए?

  • बहुत हाई इंटेंसिटी कार्डियो (जैसे स्प्रिंटिंग, HIIT)
  • धूलभरे या प्रदूषित वातावरण में वर्कआउट
  • कोल्ड वेदर रनिंग, खासकर बिना वार्मअप