आज का पंचांग–
दिनांक 18.01.2021
शुभ संवत 2077 शक 1942
सूर्य दक्षिणायन का …
पौष मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि … दिन को 09 बजकर 14 मिनट तक … दिन … सोमवार … पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र … दिन को 07 बजकर 43 मिनट तक … आज चंद्रमा … मीन राशि में … आज का राहुकाल दिन 08 बजकर 07 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक होगा …
आज से गुरू अस्त होने से रूके रहेंगे शुभ कार्य
बृहस्पति अस्त आरंभ काल (मकर राशि) :जनवरी 18, 2021, 26:43:30 बजे
बृहस्पति अस्त समाप्ति काल (मकर राशि) :फरवरी 13, 2021, 10:05:39 बजे
बृहस्पति ग्रह का अस्त होना वैदिक ज्योतिष के अंतर्गत काफी महत्व रखता है क्योंकि बृहस्पति ग्रह जहां देवगुरु होने से सबसे अधिक शुभ है तो वही वृद्धि कारक ग्रह भी है। इसके अतिरिक्त संतान, धन और ज्ञान के मामले में गुरु की कृपा अत्यंत आवश्यक है। बृहस्पति ग्रह का गोचर किसी भी व्यक्ति के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण उतार–चढ़ाव की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
बृहस्पति ग्रह अस्त का फल
अत्यंत शुभ ग्रह होने के कारण जब बृहस्पति अस्त होता है अर्थात सूर्य के समीप आ जाता है तो यह स्थिति बृहस्पति के शुभ प्रभाव में कमी का कारण बन जाती है और व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति में अड़चनों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शुभ कार्यों का परिणाम शीघ्रता से प्राप्त नहीं होता और किसी भी काम को सफल बनाने के लिए व्यक्ति को अधिक मेहनत भी करनी पड़ती। ज्योतिष के महत्वपूर्ण सूर्य सिद्धांत के अनुसार बृहस्पति ग्रह के अस्त होने के लिए उसकी सूर्य से अंशात्मक दूरी 11 अंश या उससे कम होने आवश्यक है, तभी यह अस्त होगा। विद्वान ज्योतिषियों को बृहस्पति ग्रह स्थिति पूर्ण स्थिति का अवलोकन करने के पश्चात उसका फल कथन करना चाहिए।
लगभग सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों के संपादन में बृहस्पति ग्रह का लोप होना विशेष रूप से निषेध माना गया है। अर्थात यदि बृहस्पति ग्रह अस्त हो तो कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए क्योंकि देव गुरु सभी शुभ कार्यों के संपादनकर्ता हैं और यदि वह अस्त हैं तो उनके प्रभाव में कमी होने से मांगलिक कार्यों के सफल ना होने की संभावना बढ़ जाती है। इन सभी कार्यों में से विशेष रूप से विवाह संस्कार के लिए बृहस्पति का अस्त होना बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता है।
मूल रूप से बृहस्पति एक शुभ ग्रह है लेकिन प्रत्येक कुंडली के लिए इसका प्रभाव समझना अति आवश्यक होता है, इसलिए यदि किसी कुंडली के लिए बृहस्पति शुभ होगा तो किसी के लिए अत्यंत अशुभ भी। ऐसे में यदि बृहस्पति कुंडली विशेष के लिए अशुभ फलदायक है यह कारक है तो बृहस्पति के बीज मंत्र “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” का जाप करना बृहस्पति की स्थिति को मजबूत बनाएगा। वहीं दूसरी ओर यदि बृहस्पति शुभ फलदायक है तो बृहस्पति ग्रह को बल देने के लिए पुखराज रत्न पहनना सर्वोत्तम उपाय है। सामान्य तौर पर बृहस्पति का अस्त होना शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं है, इसलिए यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति अस्त अवस्था में विद्यमान है, तो आपको तुरंत ही इसको मज़बूती देने का प्रयास करना चाहिए ताकि जीवन में सभी मोर्चों पर आप वृद्धि को प्राप्त कर सकें।
आज के राशियों का हाल तथा ग्रहों की चाल–
मेष राशि –
ऋण मुक्ति के प्रयासों में सफलता…
प्रतियोगिता परीक्षा या साक्षात्कार में मनचाही सफलता…
बौद्धिक कुषलता से सम्मान की प्राप्ति…
विवाद से धन हानि….
शनि के उपाय –
1. ‘‘ऊॅ शं शनैश्चराय नमः’’ की एक माला जाप कर दिन की शुरूआत करें..
2. भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें,
3. उड़द या तिल दान करें,
वृषभ राशि –
नए कार्य की प्राप्ति …
स्वाध्याय में विषेष रूचि का लाभ….
स्कीन एलर्जी….
बुध के उपाय –
1. ऊॅ बुं बुधाय नमः का एक माला जाप करें..
2. गणेष की आराधना करें …
मिथुन राशि –
साझेदारी से लाभ तथा पार्टनर से तालमेल…
कार्य अधिकता से तनाव….
दैनिक रूटिन में अनियमित…
आहार तथा रेस्ट के अनियमित होने से कष्ट…..
गुरू के इन दोषों को दूर करने के लिए –
1. ऊॅ गुरूवे नमः का जाप करें…
2. मीठे पीले खाद्य पदार्थ का सेवन करें तथा दान करें..
3. गुरूजन, पिता–माता की सेवा करें तथा आर्शीवाद लें…
कर्क राशि –
लाभदायक अवसर की प्राप्ति….
वित्तीय स्तर में बढ़ोतरी….
महत्वाकांक्षा की पूर्ति…
रक्त विकार से खुजली या स्कीन इंफेक्षन…
शुक्र के उपाय –
1. ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें…
2. माॅ महामाया के दर्शन करें…
3. चावल, दूध, दही का दान करें…
सिंह राशि ––
कार्यक्षेत्र में नये अवसर से लाभ…
सत्ता या अधिकारी से सहयोग….
पारिवारिक चिंता….
सिर में चोट या आॅखों में कष्ट….
चंद्रमा के निम्न उपाय करें –
1. शंकरजी का जल से अभिषेक करें,
2. वृद्ध महिला का आर्शीवाद प्राप्त करें….
कन्या राशि –
भागीदारी में लाभ की संभावना….
बचत में बढ़ोतरी से….
मनोबल काफी बढ़ेगा…
पैर में मोच की संभावना….
मंगल जनित दोषों को दूर करने के लिए –
1. ऊॅ अं अंगारकाय नमः का एक माला जाप करें..
2. हनुमानजी की उपासना करें..
4. मसूर की दाल, गुड दान करें…
तुला राशि –
कला के क्षेत्र में याष तथा लाभ….
यात्रा के दौरान विवाद तथा कानूनी बाधा…
पारिवारिक सहयोग….
राहु कृत दोषों की निवृत्ति के लिए –
1. ऊॅ रां राहवे नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें…
2. काली चीजों का दान करें….
वृश्चिक राशि –
राजकीय सत्ता से मान–सम्मान में बढ़ोतरी…
परिवार साथ…
खान–पान में अनियमितता से उदर विकार….
सूर्य के कारण उदर विकार के लिए
1. ऊ धृणि सूर्याय नमः का जाप कर, अध्र्य देकर दिन की शुरूआत करें,
2. लाल पुष्प, गुड, गेहू का दान करें,
3. आदित्य ह्दय स्त्रोत का पाठ करें..
धनु राशि –
मुख्यालय में प्रवास से लाभ….
आत्मविष्वास में बढ़ोतरी एवं संबंधों में निकटता….
सहकर्मियों से विरोध तथा तनाव…
शनि से उत्पन्न कष्टों की निवृत्ति के लिए –
1. ‘‘ऊॅ शं शनिश्चराय नमः’’ का जाप कर दिन की शुरूआत करें,
2. भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें,
मकर राशि –
संपत्ति तथा व्यापार में आर्थिक लाभ…
परिवार में प्रसन्नता का माहौल…
आॅख में इंफेक्षन…
मंगल के दोषों की निवृत्ति के लिए –
1. ऊॅ अं अंगारकाय नमः का एक माला जाप करें..
2. हनुमानजी की उपासना करें..
3. मसूर की दाल, गुड दान करें…
कुंभ राशि –
जीवन साथी का साथ…
यात्रा से मानसिक शांति…
पारिवारिक सदस्यों से मुलाकात…
उदर विकार…
चंद्रमा के उपाय –
1. ऊॅ श्रां श्रीं श्रीं एः चंद्रमसे नमः का जाप करें…
2. दूध, चावल, का दान करें…
मीन राशि –
अधिकारी द्वारा कामों की प्रषंसा…
नये प्रोजेक्ट में लीडरषीप की प्राप्ति….
संतान के अध्ययन की चिंता…
गुरू के उपाय–
1. ऊॅ गुं गुरूवे नमः का जाप करें…
2. मीठे पीले खाद्य पदार्थ का सेवन करें तथा दान करें…
3. साईजी के दर्षन करें…