बिलासपुर. बिलासपुर और कोटा से कौन चुनाव लड़ेगा. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी में ज़ोर आज़माईश जारी है. रेस में दो दावेदार आगे माने जा रहे हैं. अटल श्रीवास्तव और शैलेष पांडेय. हालांकि ये माना जा रहा है कि इनमें से एक उम्मीदवार को कोटा शिफ्ट किया जाएगा. लेकिन दोनों की पहली पंसद बिलासपुर है. दोनों नेता अपनी टिकट कन्फर्म कराने में लगे हैं. इसी बीच पूर्व विधायक अरूण तिवारी ने अपना कैंपेन भी सोशल मीडिया पर शुरु कर दिया है.

उन्होंने कई पोस्टर जारी करके मौजूदा विधायक और मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ पोस्टर सोशल मीडिया पर जारी किए हैं. एक पोस्टर में उन्होंने मंत्री को चुनौती दी है कि वे बिलासपुर के बारे में कहीं भी बहस कर लें. लेकिन उनका हालिया पोस्टर काफी चर्चित हो रहा है. उनका नारा है, ‘अबकी बारी अरुण तिवरी’. इस पोस्टर में उन्होंने अपने और अमर अग्रवाल के बीच में अंतर बताया है. अमर अग्रवाल को उन्होंने लक्ष्मी पुत्र और खुद को सरस्वती पुत्र बताया है. अमर अग्रवाल 2018 तक का ही विधायक बताया है जबकि खुद को 2018 से फिर से विधायक घोषित कर दिया है.

इस पोस्टर में उन्होंने सीपत से 1985 में विधायक बनने का हवाला दिया है. साथ ही साथ वो इस बात का जिक्र करना भी नहीं भूले कि वो अगले चुनाव में हारे नहीं बल्कि उनकी टिकट पूर्व मुख्यमंत्री श्यामा चरण शुक्ल ने नहीं दी. इसमें अरूण तिवारी ने खुद को रॉबिनहुड स्टाइल में पेश करने की कोशिश की है. बताया है कि वे खुली जीप में घुमते हैं. जबकि मंत्री एसी कार में चमचों के साथ घुमते हैं.

उन्होंने जोगी के खासमखास अनिल टाह की गद्दारी को बिलासपुर में कांग्रेस की हार की वजह बताया है. अरुण तिवारी ने अमर अग्रवाल को बाहरी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने खुद को बिलासपुरिहा और मंत्री को खरसिया का निवासी बताया है. अपने पूर्वजों के बारे में अरुण तिवारी ने लिखा है कि वे 100 साल पहले सक्ती में थे जबकि मंत्री के पूर्वज हरियाणा से आए हैं. अरुण तिवारी ने क्लास मानिटर से लेकर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष बनने तक के सफर का ज़िक्र इस पोस्टर में किया है.

गौरतलब है कि अगर अग्रवाल बिलासपुर से लगातार 1998 से जीत रहे हैं. जोगी के रहते उन्होंने यहां से कांग्रेस की टिकट अनिल टाह को दिलाई. पिछले चुनाव में महापौर वाणी राव को मिला. लेकिन इस बार जोगी पार्टी में नहीं हैं. लिहाज़ा कांग्रेस की टिकट को लेकर कई दावेदार सामने आ गए हैं. इस बार टिकट के फैसले में भूपेश और चरणदास महंत की अहम भूमिका रहने वाली है. अटल दोनों नेताओं के प्रिय हैं जबकि कुछ समय पहले कांग्रेस में शामिल हुए शैलेष पांडेय काफी कद्दावर माने जाते हैं. माना जा रहा है कि दोनों ही उम्मीदवारों को कोटा और बिलासपुर से लड़ाया जाएगा