Atichari Guru aur Vakri Shani 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आने वाले समय में एक विशेष और प्रभावशाली योग बनने जा रहा है, जो कई राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. 14 जून 2025 को बृहस्पति (गुरु) अपनी सामान्य गति से तेज़ी से चलते हुए ‘अतिचारी गुरु’ की स्थिति में आ जाएंगे.
वहीं, 30 जून 2025 से शनि वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे. इन दोनों ग्रहों की स्थिति एक साथ एक दुर्लभ योग का निर्माण करेगी, जो कुछ राशियों के लिए अनहोनी या अप्रत्याशित घटनाओं का कारण बन सकती है.
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बड़े निर्णय लेने से पहले सोचें-समझें (Atichari Guru aur Vakri Shani 2025)
जब गुरु अत्यधिक गति में होता है, तो वह अपनी शुभता खो सकता है और कई बार विपरीत फल देने लगता है. वहीं, वक्री शनि कर्मों का कठोर लेखा-जोखा करता है और किसी भी प्रकार की चूक या लापरवाही को दंड का रूप दे सकता है.
यह संयोग विशेष रूप से मिथुन, कन्या, धनु और मीन राशि वालों के लिए विशेष सतर्कता का संकेत है. इन जातकों को इस अवधि में बड़े निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार करना चाहिए.
ज्योतिषीय सलाह (Atichari Guru aur Vakri Shani 2025)
ज्योतिषाचार्यों की राय है कि इस समय निवेश, लंबी यात्राओं और नए कार्यों की शुरुआत से परहेज करना ही समझदारी होगी. राशियों के अनुसार उपाय अपनाकर और आवश्यक सावधानियाँ बरतकर इन ग्रहों के प्रभाव को काफी हद तक संतुलित किया जा सकता है.
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