प्रयागराज. उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात काल्विन अस्पताल के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई. दोनों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था. दोनों की हत्या करने वाले तीनों हमलावर उत्तर प्रदेश के तीन अलग-अलग जिलों से ताल्लुक रखते हैं.
लवलेश तिवारी बांदा, सनी सिंह हमीरपुर और अरुण मौर्य कासगंज का रहने वाला है. हैरानी की बात यह है कि तीनों के परिजनों ने हमलावरों से संबंधों से इंकार किया है और कहा है कि वे घटना से बहुत पहले ही अपने घरों को छोड़ चुके हैं. तीनों पर पूर्व में छोटे-मोटे अपराधों के लिए मामला दर्ज कर जेल भेजा जा चुका है. दोनों भाइयों की हत्या के पीछे हमलावरों के मकसद का पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है.
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तीनों हमलावर घटना के 48 घंटे पहले प्रयागराज आए थे और एक होटल में ठहरे हुए थे. उन्होंने यह नहीं बताया कि अतीक अहमद और अशरफ को मार गिराने के लिए इस्तेमाल किए गए अत्याधुनिक हथियार उन्हें कहां से मिले. एक पुलिस सूत्र के मुताबिक, तीनों में से एक ने कहा है कि उन्होंने अपराध को इसलिए अंजाम दिया, क्योंकि वे अंडरवल्र्ड में अपना नाम बनाना चाहते थे.
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