नई दिल्ली . दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी की ओर से एलजी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि पैसों की कमी से जल बोर्ड में संसाधनों का संकट पैदा हो गया है. ठेकेदारों का भुगतान नहीं होने पर उन्होंने काम करने से इंकार कर दिया है. इस कारण नियमित मरम्मत कार्य भी बंद पड़े हैं.
उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और महामारी जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, क्योंकि सीवर की सफाई नहीं होगी तो गंदा पानी सड़कों पर ही नहीं, बल्कि घरों तक पहुंचेगा. उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह आपातकाल जैसी स्थिति पैदा की जा रही है.
वित्त सचिव अवहेलना कर रहे मंत्री आतिशी का आरोप है कि बीते 15 नवंबर को उन्होंने जल बोर्ड की दूसरी किस्त जारी करने के लिए वित्त सचिव और जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की बैठक बुलाई थी. बैठक को लेकर 14 नवंबर को सूचित किया गया था लेकिन वित्त सचिव ने बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया.
निर्देश का पालन नहीं किया आतिशी ने कहा कि जल और वित्त विभाग दोनों के प्रभारी मंत्री होने के नाते मैंने 16 नवंबर को फिर वित्त सचिव आशीष चंद्र वर्मा को दिल्ली में जल संकट का हवाला देते हुए 17 नवंबर तक जल बोर्ड की दूसरी किस्त जारी करने के निर्देश दिए, लेकिन उसका भी पालन नहीं हुआ. उन्होंने ऐसा करके अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 का उल्लंघन किया है.