रायपुर. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर आज बेंगलुरु में हुए हमले को लेकर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छत्तीसगढ़ राज्य कमेटी ने कड़ी निंदा की है. राज्य सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि अब तक मिली जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट है कि यह घटना आज दोपहर बेंगलुरु के गांधी भवन में प्रेस वार्ता के दौरान हुई, जिसे एसकेएम से जुड़े किसान संगठन कर्नाटक राज्य रैयत संघ ने आयोजित किया था. इसमें किसान नेता राकेश टिकैत, युद्धवीर सिंह और कविता कुरुगंटी पिछले दिनों टीवी चैनल द्वारा किसान आंदोलन के विरुद्ध दुष्प्रचार का खंडन कर रहे थे. ऐसे में एक व्यक्ति ने पूर्व नियोजित तरीके के उठकर टीवी चैनल का माइक राकेश टिकैत के मुंह पर मारा और दूसरे व्यक्ति ने आकर उन पर स्याही फेंकी. हमलावर “जय मोदी” और “मोदी-मोदी” के नारे लगा रहे थे. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं पर निंदनीय हमला भाजपा द्वारा प्रायोजित है. उन्होंने मांग की है कि अपराधियों को दंड, अफसरों को सस्पेंशन, राकेश टिकैत को सुरक्षा मिले और इस घटना की न्यायिक जांच हो.
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि अब तक मुख्य आरोपी भरत शेट्टी की शिनाख्त हो चुकी है और वह पुलिस हिरासत में है. मुख्य आरोपी की कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदुरप्पा, भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष, वर्तमान गृह मंत्री और सिंचाई मंत्री के साथ फोटो से अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह हमला भाजपा द्वारा प्रायोजित था. यह भी स्पष्ट है कि पिछले कुछ दिनों से एक टीवी चैनल द्वारा किसान आंदोलन के खिलाफ प्रचार के चलते तनावग्रस्त माहौल के बावजूद भाजपा सरकार ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे. स्याही की जगह एसिड या बम भी हो सकता था, जिसके परिणाम जानलेवा हो सकते थे. अब यह साफ है कि हमलावरों को भाजपा और कर्नाटक सरकार की पूरी शह प्राप्त थी.
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विद्रोही ने कहा कि इसे छोटी घटना मानकर नजर अंदाज किया जाना उचित नहीं होगा, क्योंकि पहले भी राकेश टिकैत पर हमले हो चुके हैं. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली कमेटी के साथ अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छत्तीसगढ़ राज्य कमेटी मांग करता है कि इस घटना के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए. इस लापरवाही के लिए दोषी पुलिस अफसरों को तुरंत सस्पेंड किया जाए, इस घटना और इसके पीछे राजनैतिक षड्यंत्र की न्यायिक जांच का आदेश दिया जाए और राकेश टिकैत को सुरक्षा प्रदान की जाए. इस घटना ने एक बार फिर भाजपा का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब किया है. किसानों से बार-बार धोखा करने वाली और उन पर तरह तरह से हमले प्रायोजित करने वाली इस सरकार को किसान शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से सबक सिखाना जानते हैं.
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