दिल्ली. अमेरिका में महात्मा गांधी का गुजराती भाषा में लिखा एक पत्र 6,358 डॉलर (करीब साढ़े चार लाख रुपये) में नीलाम हुआ. इस पत्र में चरखे की अहमियत पर जोर दिया गया है. इस पर गांधीजी के हस्ताक्षर भी हैं. इसे खरीदने वाले की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
नीलामी हाउस आरआर के मुताबिक, बिना तारीख वाला यह पत्र यशवंत प्रसाद के नाम लिखा गया है. पत्र में एक जगह गांधीजी ने कहा है, ‘हमने कपड़ा मिल के बारे में जो आशा की थी, वह हो गया है. आपने जो कहा है वह सही है, सब हथकरघा पर निर्भर करता है.’
उल्लेखनीय है कि गांधीजी ने चरखे को आर्थिक आजादी का प्रतीक बना दिया था. आजादी की लड़ाई के दौरान उन्होंने सभी भारतीयों को हर दिन कुछ समय चरखा चलाने के लिए प्रेरित किया था ताकि स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती मिले. उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे विदेशी मिलों में बने कपड़े पहनने के बजाए खादी से बने कपड़े पहनें और स्वदेशी अपनाएं.