सत्या राजपूत, रायपुर। कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के CGMSC ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को किस तरह से खाली किया है ये महज दो साल की ‘ऑडिट ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट’ में सामने आया है. गड़बड़ी का आंकड़ा छोटी रकम नहीं है, गड़बड़ी की रकम इतनी बड़ी है की इस राशि से पहाड़ खड़ा हो सकता है. अगर सही तरीके से जांच हो तो अधिकारी से लेकर मंत्री तक जांच की आंच में आएंगे. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक करोड़ों की गड़बड़ी की गई है. इस पूरे मामले को लल्लूराम डॉट कॉम ने उजागर किया था. बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर 660 करोड़ रुपए के गोल-माल को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा है.

दो साल के ऑडिट में खुली पोल

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया है.

खपाने के चक्कर में की ये गलती

ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया. जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया. प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी.

बेसलाइन सर्वेक्षण के बगैर खरीदी

ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था.

मांग पत्र का प्रावधान लेकिन किया गया दरकिनार

खरीदी एजेंसी ने सुविधा को सुनिश्चित किए बिना प्रत्येक समान को एक मात्रा में 766 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधा जैसे उपकरण और रीएजेंट भेजा गया. इस अनुचित खरीदी के परिणाम उच्च मूल्य के उपकरण बेकार पड़े हैं और रीएजेंट की गुणवत्ता भी खराब हो सकता है.

लेखा परीक्षा अभी और खोदेगा दफन राज

लेखा परीक्षा की ओर से स्वास्थ्य विभाग को लिखे गए पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि विस्तृत ऑडिट की योजना बनाई जा रही है, जिसमें कंपनी, DHS, NHM और क्षेत्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं का ऑडिट किया जाएगा. ऑडिट में इन विभागों को सहयोग करने के लिए निर्देशित करने को कहा गया है. साथ ही ऑडिट करने के लिए उपयुक्त तिथि और समय भी पूछा गया है.

इस दिन होगी ऑडिट समीक्षा बैठक

CAG की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद महालेखा परीक्षा विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग को जारी पत्र के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ऑडिट रिपोर्ट समीक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग 2 जुलाई को बैठक बुलाई है, जिसमें स्वास्थ्य संचालक, CGMSC महाप्रबंधक, मिशन संचालक नेशनल हेल्थ मिशन को ऑडिट जुड़े तमाम दस्तावेजों के साथ बुलाई गई है.

हॉस्पिटल बोर्ड की मांग, कार्रवाई होनी चाहिए

हॉस्पिटल बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा मामला संवेदनशील है. स्वास्थ्य सेवा में दवाई, मशीन, कैमिकल में गड़बड़ी मरीजों के लिए खतरनाक है. हमारी मांगे यही है कि इसकी जांच होनी चाहिए.

जांच कमेटी गठित

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा हमने जांच दल गठित कर दिया है. चार से पांच IAS लेवल के अफसर जांच कर रहे हैं. जल्द ही रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर हम कार्रवाई करेंगे. इस मामले में जिस कंपनी ने दवा और उपकरण सप्लाई की थी उसका करीब 360 करोड़ से ज़्यादा रुपये का भुगतान रोक दिया गया है.

उठ रहे सवाल

बड़ा सवाल मोक्षित कॉरपोरेशन पर मेहरबान क्यों था स्वास्थ्य विभाग ?

किसके कहने पर नियम कानून को ताक में रखकर मोक्षित कॉरपोरेशन को पहुंचाया गया फ़ायदा ?

राजकोष को खाली करने के साथ-साथ इस बंदरबांट में कौन-कौन शामिल ?

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