महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठा-पटक और पल-पल में बदल रही राजनीतिक तस्वीरों के बीच अब पत्र ने एंट्री ले ली है. पिछले कुछ दिनों से चल रही राजनीतिक हलचल के बीच अब विधायकों की भावनाएं सामने आ रही है.

दरअसल, औरंगाबाद से शिवसेना के तीन बार के विधायक संजय पांडुरंग शिरसाट ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक भावनात्मक पत्र लिखा है. जिसे ट्वीट करते हुए एकनाथ शिंदे ने इस पत्र को सभी विधायकों और शिवसैनिकों की भावना बताया. एकनाथ शिंदे ने ट्वीट करते हुए कहा कि- ‘ये है विधायकों की भावना’. पत्र में विधायक ने बीते ढाई साल के दर्द को बयां किया है. उनका कहना है कि ‘कल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए’.

विधायक के इस पत्र से ये समझा जा सकता है कि पिछले ढाई सालों में शिवसेना विधायकों की पार्टी के भीतर क्या स्थिति थी. विधायक के ये पत्र कई सवालों को भी जन्म देता है कि क्या इन ढाई सालों में शिवसेना विधायकों की अनदेखी हो रही थी? क्या शिवसेना नेताओं से ज्यादा तवज्जों अन्य दलों को दी जा रही थी ?

देखिए विधायक के लिखे पत्र के कुछ अंश

‘कल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए. बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई. पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे. हमें ऐसे लोग चला रहे थे, जिन्हें लोगों ने नहीं चुना था.ये लोग विधान परिषद और राज्यसभा के माध्यम से आये थे.

तथाकथित (चाणक्य लिपिक) बडवे हमें हराने और राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति तय करने के लिए यही कर रहे थे. शिवसेना के विधायक के रूप में हमें वर्षा बंगले तक कभी सीधी पहुंच नहीं मिली. मुख्यमंत्री मंत्रालय की छठी मंजिल पर सभी से मिलते हैं, लेकिन हमारे लिए कोई जगह ही नहीं थी, क्योंकि आप कभी मंत्रालय ही नहीं गए. कई बार निर्वाचन क्षेत्र के काम, अन्य मुद्दों, व्यक्तिगत समस्याओं के लिए सीएम साहब से मिलने का अनुरोध करने के बाद हमें बुलाया जाता और बंगले के गेट पर घंटों खड़ा रखा जाता.

मैंने कई बार सीएम को फोन किया पर फोन रिसीव नहीं होता था. आखिरकार हम ऊब जाते और चले जाते. हमारा सवाल ये है कि अपने ही विधायकों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार क्यों? ऐसे विधायकों से इस तरह का व्यवहार जिन्हें तीन-चार लाख मतदाता चुनते हैं?

महोदय, वर्षा में जब हमें प्रवेश नहीं मिल रहा था, तब हमारे वास्तविक विपक्षी कांग्रेसी राष्ट्रवादी आपसे नियमित रूप से मिल रहे थे, निर्वाचन क्षेत्र में काम कर रहे थे. पूजा और उदघाटन करते हुए आपके साथ ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं. उस समय हमारे विधानसभा क्षेत्र के लोग पूछते थे कि मुख्यमंत्री हमारा है या नहीं ?
इन सभी कठिन समय में, एकनाथ शिंदे साहब, जो शिवसेना के संरक्षक हैं, उन्होंने हमें बहुमूल्य समर्थन दिया. हम श्री शिंदे के साथ इस विश्वास के साथ हैं कि उनके घर के दरवाजे हर मुश्किल परिस्थिति में हमारे लिए खुले हैं, आज भी हैं और कल भी खुले रहेंगे.

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