सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर. राजधानी के बीटीआई ग्राउंड में आयोजित किताब मेले में सोमवार को साहित्य जगत के खास लेखक नीलोत्पल मृणाल शामिल हुए. कहा जाता है कि नीलोत्पल मृणाल एक शानदार लेखक, गायक और वक्ता है. उनका जन्म बिहार के मुंगेर जिला के संग्रामपुर ग्राम में हुआ.

खास बात यह है कि ये लेखक दिल्ली में आईएएस की तैयारी कर रहे थे और फिर अचानक लेखक को लगा कि वे फेसबुक पर काफी सक्रिय रहते हैं तो क्यों ना एक किताब ही लिखें. फिर डार्क हॉर्स का जन्म हुआ, जिसे पाठकों ने काफी सराहा और इस उपन्यास को पढ़ने वालों की संख्या में इजाफा हुआ. देखते ही देखते नीलोत्पल मृणाल की उपन्यास को काफी प्रसिध्दि मिली और उन्हें साहित्य अकादमिक युवा पुरस्कार से नवाजा गया.

नीलोत्पल मृणाल ने लल्लू राम डॉट कॉम से खास बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने अपने गमझे के बारे में कहा कि चाहे वो कैसा भी सूट बूट पहन लें, लेकिन गमछा लटकाना नहीं भूलते और वो इसलिए क्योंकि वे इससे पसीना पोंछते है.

लेकिन ऐसा नहीं है हिंदी साहित्य के लेखक को एक रेस्त्रां में इसलिए घुसने नहीं दिया गया क्योंकि इन्होंने गमछा लटकाया हुआ था.वेटर ने कहा कि वे गमछा लटकाकर अंदर नहीं जा सकते जिस वजह से सोशल मीडिया पर गमछा क्रांति की शुरुआत भी हुई.