तीन दशक बाद नीलावाया गांव में मनाया जाएगा लोकतंत्र का महापर्व, पिछले विधानसभा चुनाव में पहली बार मतदान कराने की थी तैयारी, लाल आतंक के कहर के बाद भी पड़े थे वोट