दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव का समापन: अंतिम दिन श्रीलंका के कलाकारों ने दी लोकगीतों की प्रस्तुति, तपस्वी स्वामी ने सिर पर अस्थि कलश रखकर की स्तूप परिक्रमा