PM E-Drive: इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी जारी रखने के लंबे समय से चल रही अटकलों के बाद, सरकार ने आखिरकार PM इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-Drive) नामक एक नई योजना की शुरुआत की है. यह योजना मार्च में समाप्त हो चुकी FAME योजना की जगह लेगी.
11 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने PM E-Drive योजना के लिए 10,900 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी. यह राशि दोपहिया, एंबुलेंस, ट्रक और तिपहिया वाहनों के लिए निर्धारित की गई है. योजना के तहत 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख ई-थ्री व्हीलर, और 14,028 इलेक्ट्रिक बसों को समर्थन मिलेगा. इसके अतिरिक्त, यह योजना देशभर में 88,500 साइट्स पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के लिए भी सहायता प्रदान करेगी.
इलेक्ट्रिक कारें योजना से बाहर:
भारी उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाली PM E-Drive योजना आगामी दो वर्षों के लिए लागू रहेगी. इस योजना में इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, ट्रक, बसें और एंबुलेंस की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी, जबकि इलेक्ट्रिक कारें इस योजना के दायरे से बाहर रहेंगी. सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर, और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही, सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये अलग से निर्धारित किए गए हैं.
सरकार ने कहा, “40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नौ शहरों—दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे, और हैदराबाद में इलेक्ट्रिक बसों की मांग का आकलन CESL द्वारा किया जाएगा. राज्यों की सलाह के बाद, इंटरसिटी और इंटरस्टेट इलेक्ट्रिक बसों को भी समर्थन दिया जाएगा.” वर्तमान में, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता धीमी गति से बढ़ रही है. पिछले वित्तीय वर्ष में, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 56% थी, जबकि तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 38% थी. धीमी बिक्री के पीछे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी एक प्रमुख कारण है.
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर होगी भारी रकम की खर्च:
PM E-Drive योजना के अंतर्गत केवल इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी ही नहीं, बल्कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण राशि खर्च की जाएगी. इस योजना में इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर लगाने की योजना है, जिसके लिए 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर और इलेक्ट्रिक दोपहिया तथा तिपहिया वाहनों के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव है.
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