मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में जिलाधिकारियों और जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में विभिन्न विभागों के लंबित प्रकरणों और विकास योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई. मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि सभी विभाग सितंबर अंत तक अपनी परिसंपत्तियों की जियो टैगिंग और जियो फेंसिंग अनिवार्य रूप से पूर्ण करें.
मुख्य सचिव ने वन भूमि से संबंधित प्रकरणों के जल्द निस्तारण के लिए हर महीने जिलाधिकारियों को डीएफओ और संबंधित विभागों के साथ नियमित समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भूमि की उपलब्धता अनिवार्य है, इसलिए सभी जिलों में लैंड बैंक के निर्देशों का गंभीरता से अनुपालन किया जाए.
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बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि वन क्षेत्रों में स्थित डिग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड का विस्तृत विवरण समयबद्ध रूप से प्रस्तुत किया जाए. मुख्य सचिव ने वन विभाग को भूमि स्थानांतरण से जुड़े मामलों को सुव्यवस्थित करने के लिए एक मानक प्रक्रिया (SOP) तैयार करने के भी निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने पब्लिक ग्रीवांस पोर्टल को अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सेवा के अधिकार से जुड़ी उन सेवाओं को भी पोर्टल पर सम्मिलित किया जाए जो समयानुकूल और जनहित में अधिक प्रासंगिक हैं, जिससे नागरिकों को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं प्राप्त हो सकें.
सभी जिलों को निर्देशित किया गया कि वे अपनी-अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज, यानी सफलता की कहानियां, हर महीने कम से कम दो उदाहरणों के रूप में प्रस्तुत करें. साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकारी आयोजनों में स्थानीय उत्पादों के उपयोग से संबंधित पूर्व दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए.
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आगामी हरेला पर्व पर वृहद वृक्षारोपण सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर तत्काल पौधारोपण योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए. यह सुनिश्चित किया जाए कि अभियान नियोजित, प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल हो. क्लस्टर विद्यालयों की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि जिलाधिकारी के समन्वय से ट्रांसपोर्टेशन प्लान बनाया जाए. प्रथम चरण में जिन माध्यमिक विद्यालयों को क्लस्टर मॉडल से जोड़ा गया है, उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र भेजे जाएं ताकि अगले चरण की धनराशि जारी की जा सके.
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