हरिद्वार। उत्तराखंड के नीति घाटी में शुक्रवार को हिमस्खलन के बाद से सेना बचाव कार्य में जुटी हुई है. सेना ने अब तक 8 शवों को बाहर निकाला है, वहीं 384 लोगों को बचाने में कामयाबी पाई है. ये लोग इलाके में बार्डर रोड्स आर्गेशाइजेश (बीआरओ) के कैंप के निकट कार्य कर रहे थे.

मौसम खराब होने की वजह से बचाव कार्य को अंजाम देने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. बचाव कार्य शनिवार को सुबह भी जारी रहा. सूत्रों के मुताबिक, लोगों के ढूंढने के लिए बचाव कार्य जारी रहेगा. वहीं सेना की ओर से शनिवार सुबह जारी बयान में कहा गया कि 23 अप्रैल को शाम करीबन 4 बजे के आसपास उत्तराखंड के सुमना-रिमखिम रोड पर समुना से करीबन 4 किमी आगे हिमस्खलन हुआ था.

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जोशीमठ-मालारी-गृथीडोबला-सुमना-रिकखिम धुरी (AXIS) में शामिल इस क्षेत्र में बीआरओ की टुकड़ी और दो लेबर कैंप बने हुए हैं. एक सेना का कैंप सुमना से 3 किमी की दूरी पर स्थित है. बताया गया कि क्षेत्र में बीते पांच दिनों से भारी बारिश और बर्फबारी हो रही है, जो अब भी जारी है.

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घटना के बाद से सेना ने बचाव कार्य शुरू कर दिया था. 291 श्रमिकों को बचाने के बाद उन्हें सेना के कैंप में रखा गया है. दोनों कैंप में रहने वाले अन्य मजदूरों की तलाशी का कार्य जारी है. अब तक दो शवों को बरामद किया गया है. सेना ने बताया कि अनेक भूस्खलन की वजह से सड़क चार-पांच जगह पर कट गई है. जोशीमठ स्थित बीआरओ की टीम बापकुंड और सुमना के बीच बीते शाम से अवरोधों को हटाने में जुटी हुई है. अगले 6 से 8 घंटों में सड़क की सफाई करने लेनी की उम्मीद है.

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