मौसम में बदलाव के साथ हमारी डाइट में भी जरूरी बदलाव होना बहुत जरूरी है और कई बार जब हम ऐसा नहीं करते हैं, तो बीमार भी पड़ जाते हैं. देखा गया है कि बदलते मौसम का असर बड़ों से ज्यादा छोटे बच्चों पर पड़ता है और इसी प्रकार यदि समय के साथ-साथ उनकी डाइट में भी बदलाव नहीं किया गया तो उनकी सेहत पर भी असर पड़ सकता है. देखा गया है कि कई बार हम बदलते मौसम में छोटे बच्चों की डाइट में जरूरी बदलाव नहीं करते हैं और इस कारण से बच्चों के बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. बच्चों को अक्सर सर्दियों में ऐसी चीजें खिलाई जाती हैं, जो उन्हें गर्म रखें. लेकिन गर्मियां आने से पहले ही उनका सेवन कम या बंद कर देना भी बहुत जरूरी है.
तेज नमक
खाने को फ्लेवर देने के लिए नमक का इस्तेमाल किया जाता है. खाने में नमक ज्यादा रखने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जिसमें पेट फूलना, हाई बीपी और हार्ट की बीमारियां शामिल हैं.
जब शरीर में बहुत ज्यादा सोडियम आता है, तो इससे किडनी को परेशानी होने लगती है और डिहाइड्रेशन पैदा हो जाती है. इसका मतलब है कि शरीर कोशिकाओं से पानी को बाहर निकालने लगता है. इसलिए बच्चों समेत बड़ों के खाने में भी ज्यादा नमक नहीं रखना चाहिए
चिकन
चिकन का सेवन करना गर्मियों में अच्छा option नहीं है. गर्मियों में बच्चे को ज्यादा चिकन खिलाने से उनका शरीर गर्म रहता है और पाचन क्रिया भी प्रभावित हो सकती है जिसके कारण दस्त आदि लगने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही चिकन का सेवन करने से बच्चे को पसीना भी ज्यादा आता है और उसका शरीर गर्मी से सेंसिटिव हो जाता है.
मीठी चीजें
ज्यादा शुगर वाली चीजें भी गर्मियों में बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं. सर्दियों के मौसम में बच्चों को अक्सर मीठी चीजें दे दी जाती हैं, लेकिन गर्मियों के मौसम में यह अच्छा ऑप्शन नहीं है. इसके अलावा जितना हो सके उसे बाहर तैयार किए व कैन्ड फूड्स न खिलाएं.
चाय और कोफीज
वैसे तो बच्चे चाय कॉफी कम ही पसंद करते हैं लेकिन अगर आपके बच्चे को ये ड्रिंक्स पसंद हैं, तो आप उनके लिए इसके सेवन को सीमित कर दें. गर्मी से लड़ने के लिए चाय या कॉफी जैसे गर्म पेय पदार्थ अच्छे नहीं होते हैं. ये शरीर के तापमान को बढ़ाते हैं और पाचन तंत्र को खराब कर देते हैं. इसकी बजाय आप बच्चे को छाछ, नींबू पानी और नारियल पानी आदि पिलाएं.
फिश
अन्य रिच नॉन-वेजीटेरियन मीट की तरह फिश और सीफूड का सेवन करना गर्मियों में बच्चों के लिए हेल्दी डाइट नहीं है. ज्यादा फिश का सेवन करना उनके शरीर को गर्म रखता है, पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचा सकता है और साथ ही बच्चे के शरीर से पसीना भी आने लगता है. डॉक्टर की सलाह के अनुसार कुछ मात्रा में उसकी डाइट में मछली व अन्य सीफूड शामिल किए जा सकते हैं.
अंडा
अंडा शरीर को गर्म रखने में मदद करता है और इसलिए जितना हो सके डाइट में इसकी कमी कर देनी चाहिए. हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं कि बच्चे की डाइट से अंडे को पूरी तरह से निकाल दिया जाए, लेकिन गर्मियों के दिनों में ज्यादा मात्रा में अंडे का सेवन करना बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.