रायपुर- कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि खेती किसानी में नये प्रयोग करने वाले किसान छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल सकते हैं। राज्य के कई जिलों में हमारे कई मेहनतकश किसान भाई-बहन खेती में कई तरह के नये प्रयोग कर रहे हैं। बृजमोहन अग्रवाल आज शासकीय कृषि महाविद्यालय के सभागृह में राज्य स्तरीय कृषक सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए पूरे देश में किसानों के हित में काम करने का अच्छा वातावरण बना है।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने खेती की लागत कम करना जरूरी है। इसके लिए कृषि क्षेत्र में नये-नये प्रयोग, शोध और अनुसंधान की नई परम्परा शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ के किसानों को भी नये प्रयोगों और अनुसंधानों का फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नवाचारी किसान राज्य की तस्वीर और तकदीर बदल सकते हैं। ये मेहनतकश किसान सम्मान के वास्तविक हकदार हैं और इनके सम्मान से एक नयी स्वस्थ परंपरा की शुरूआत हुई है।

बृजमोहन अग्रवाल ने समारोह में कृषक समृद्धि पत्रिका की ओर से प्रदेश के 180 प्रगतिशील किसानों को शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इनमें कृषि, पशुपालन, मछलीपालन और बागवानी के किसान शामिल थे। कृषि विकास के क्षेत्र में विशेष रूप से कार्य करने वाले 15 कृषि वैज्ञानिकों और विभागीय अधिकारियों को भी समारोह में सम्मानित किया गया। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन विभाग के दस अधिकारियों और कृषि विशेषज्ञों को लाईफ टाईम एचीवमेंट एवार्ड भी दिया गया जिनमें इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. एस.एस. राव, संचालक विस्तार सेवाएं डॉ. ए.एल. राठौर, अपर संचालक कृषि के.सी. पैकरा, अपर संचालक कृषि डॉ. एस.आर. रात्रे, कामधेनु विश्वविद्यालय के संचालक विस्तार सेवाएं डॉ. पी.एल. चौधरी, डॉ. बीरबल साहू, डॉ. के. मित्रा, श्री डी.डी. मिश्रा, एन.डी. त्रिपाठी,  भूपेन्द्र पाण्डेय शामिल हैं। छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष श्याम बैस ने समारोह की अध्यक्षता की। अतिथियों द्वारा इस अवसर पर कृषक समृद्धि स्मारिका का विमोचन भी किया।

कृषि मंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में मेहनत और लगन से सार्वजनिक हित में नवाचार करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने उनका सम्मान होना चाहिए। इससे अन्य लोगों को भी समाज हित में काम करने की प्रेरणा मिलती है।उन्होंने कहा कि खेती-किसानी में नये-नये प्रयोग और अनुसंधान करने का अभियान चल रहा है। कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में किसान भी खेती के उन्नत तौर-तरीकों को अपनाकर अन्य किसानों के लिए प्रेरणा दायक नवाचार कर रहे हैं। अग्रवाल ने कहा – केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार खेती-किसानी को अधिक फायदेमंद बनाने के लिए अनेक किसान हितैषी योजनाएं चला रही हैं, लेकिन आम तौर पर देखने में आता है कि इन योजनाओं का लाभ केवल बड़े किसान उठा रहे हैं। उन्होंने किसानों से कृषि विकास योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया और कहा कि कम जगह पर कम खर्च में अधिक उपज लेने के लिए खेती के आधुनिक तकनीक का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने ने कहा कि खेती-किसानी में जोखिम बहुत है, लेकिन जोखिम को कम करने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने खेती-किसानी में नवाचार करने वाले किसानों के सम्मान की कृषक समृद्धि पत्रिका की परम्परा की सराहना की।

छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष श्याम बैस ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कृषक समृद्धि पत्रिका की ओर से हर साल किसानों का सम्मान किया जाता है। इस सम्मान के माध्यम से उन्नत किसानों को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन कृषक समृद्धि पत्रिका द्वारा किया गया। पत्रिका के संपादक अनिल श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन दिया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील, संचालक उद्यानिकी नरेन्द्र पाण्डेय, संचालक कृषि एम.एस. केरकेट्टा, संचालक पशुपालन डॉ. एस.के. पाण्डेय समारोह के विशेष अतिथि थे। समारोह में बड़ी संख्या में किसान, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ और विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्रकल्याण डॉ. जी.के. श्रीवास्तव ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।