अयोध्या में सरयू आरती को लेकर जिला प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए पंडा पुरोहित समाज द्वारा संचालित आरती पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन का यह कदम विवाद का कारण बन गया है और पंडा समाज के लोगों ने इस पर नाराजगी जाहिर की है।

आरती पर प्रतिबंध के पीछे क्या है मामला?

रामनगरी अयोध्या में प्रतिदिन सरयू तट पर तीन तरह की आरती आयोजित की जाती है। इनमें से एक आरती पंडा पुरोहित समाज द्वारा संचालित की जाती है। जिला प्रशासन ने अब पंडा समाज की इस आरती पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे पंडा पुरोहित समाज में असंतोष फैल गया है।

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पंडा समाज का विरोध और आरोप

पंडा समाज के लोगों ने प्रशासन के इस फैसले का विरोध करते हुए अफसरों पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह निर्णय धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है और इससे उनकी परंपराओं और रीति-रिवाजों पर चोट पहुंची है। पंडा समाज के लोगों का कहना है कि वे इस प्रतिबंध को स्वीकार नहीं करेंगे और प्रशासन के खिलाफ अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है।

प्रशासन का पक्ष

जिला प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरयू तट पर आरती के आयोजन में नियम और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम सरयू तट पर शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

पंडा पुरोहित समाज ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि प्रशासन ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो वे अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे। इस विवाद के चलते अयोध्या में माहौल गर्म हो गया है। 

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