अयोध्या। राम के ननिहाल याने छत्तीसगढ़ से पावन माटी लेकर गौसेवक मो. फ़ैज़ खान अयोध्या पहुँच गए हैं. 23 जुलाई को फ़ैज़ ने माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी से मिट्टी लेकर अपनी यात्रा की शुरुआत की थी. आज वे 800 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर भगवान राम के धाम पहुँचे.

मो. फ़ैज़ ने अयोध्या से जो जानकारी भेजी उसके मुताबिक उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम चन्द्र जी की कृपा से आज अयोध्या जी पहुंच गया और रामजी के ननिहाल माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी दक्षिण कौशल(छत्तीसगढ़) की पावन माटी कारसेवकपुरम में भेंट कर दी गई। कारसेवकपुरम में अत्यंत शांति व सादगी से पहुंचकर यह माटी अयोध्या जी के प्रख्यात महंत शंभुदेवाचार्य जी को सौंपी गई. ननिहाल के अतिरिक्त अन्य पावन स्थानों की भी रज रामभक्तों ने प्रदान की थी वो भी साथ ही भेंट की गई, ताकि इन समस्त देवी देवताओं की भी उपस्थिति भूमि पूजन के समय हो सके.

इन स्थानों की माटी भेंट की गई-

1. कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी रायपुर(छत्तीसगढ़)
2. महामाया माता मंदिर, रतनपुर
3. ज्वाला देवी मंदिर, धनपुरी जिला शहडोल
4. तुलसी माता मंदिर, छतरपुर
5. महारानी लक्ष्मी बाई बलिदान स्थल, ग्वालियर
6. दाता बन्दीछोड़ गुरुद्वारा, ग्वालियर किला.


माटी भेंट के समय मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एडवोकेट शीराज़ क़ुरैशी जी और डॉ. इमरान चौधरी जी भी साथ थे, उन्होंने कहा कि राममंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम से सभी राष्ट्रवादी मुसलमानों में ख़ुशी का माहौल है.

“मैं भगवान श्रीराम चंद्र जी के निमंत्रण और आदेश पर माता कौशल्या धाम की पावन रज लेकर अयोध्या जी पहुँचा हूँ।”

इरादे रोज़ बनते हैं बन के बिगड़ जाते हैं,
अयोध्या वही जाते हैं जिन्हें राम बुलाते हैं।


मो. फ़ैज़ ने कहा कि रायपुर से अयोध्या के मार्ग पर रामभक्तों ने ख़ूब स्नेह दिया, भोजन पानी रात्रि विश्राम व आर्थिक सहयोग की व्यवस्था की. रामकाज में चला तो सबने कृपा की, सबको प्रणाम.

जा पर कृपा राम की होही,
ता पर कृपा करें सब कोई।


राम तो शबरी, केंवट, निषाद, हनुमान, गिलहरी, जटायु सबके हैं, हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सब पर उनकी कृपा बरसती है,
मैं सौभाग्यशाली हूं कि रामजी ने मुझे अपने काज के लिए चुना।

होहही सोई जो राम रची राखा,
को करि तर्क बढ़ावै साखा।

देखिए वीडियो
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