रायपुर. आयुष्मान योजना एक दूषित योजना है. इसमें सौ से ज्यादा बीमारियों के लिए एक पैसा भी नहीं है, बल्कि बीमारी हो जाने के बाद उसके ऑपरेशन के लिए पैसा है. इसमें प्रति व्यक्ति 1100 रुपए का प्रावधान है, उससे कहीं ज्यादा की व्यवस्था राज्य सरकार कर सकती है. हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे. हम आयुष्मान योजना के पक्ष में नहीं हैं. यह बात  स्वास्थ्य, वाणिज्य कर, जीएसटी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने रविवार को विभागीय समीक्षा बैठक के बाद कही.

स्वास्थ्य एवं वाणिज्यिक कर विभाग के अधिOकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद सिंहदेव ने कहा कि आयुष्मान योजना में काफी कमियां सामने आ रही हैं, जिसकी जगह पर यूनिवर्सल हेल्थ केयर लाएंगे, जिस पर सरकार ने काम करना शुरु कर दिया है. योजना के पहले चरण में दवाइयां और मेडिकल चेकअप फ्री होगा. उसके बाद दूसरे चरण में इसमें ऑपरेशन को भी शामिल किया जाएगा.

सिकलसेल के मरीजों का होगा मुफ्त इलाज

टीएस ने घोषणा की कि अब प्रदेश में सिकलसेल का इलाज मुफ्त में होगा. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सिकलसेल के इलाज की सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेशियलिटी और जिला अस्पतालों को मल्टी स्पेशियलिटी अस्पातलों में तब्दील किया जाएगा. स्वास्थय विभाग की योजना बनाते वक्त सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा. टीएस ने कहा कि नसंबदी और अंखफोड़वा कांड होने पर कानूनी कार्रवाइयों के अलावा कड़ाई से कॉस्मेटिक्स एंड ड्रग्स एक्ट का पालन किया जाएगा.

स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने जिलेवार करेंगे बैठकें

उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का ज़मीनी जायजा लेने के लिए वे संभागवार फिर जिलेवार बैठकें करेंगे. रायपुर के बाद बिलासपुर में बैठक होगी. सरकारी तंत्र में डॉक्टरों को रहने की सुविधा के साथ वेतन बढ़ाकर दिया जाएगा, लेकिन डॉक्टरों की निजी प्रेक्टिस पर रोक लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि 432 पदों पर डॉक्टरों की नियुक्ति का काम शुरु हो चुका है, जिसमें से 350 की काउंसलिंग हो चुकी है. वहीं उन्होंने 108 के कर्मचारियों को कम से कम कलेक्टर रेट दिया जाएगा. इसके अलावा बर्ड फ्लू को लेकर तैयारियां पहले से शुरु कर दी गई हैं.

जीएसटी से छत्तीसगढ़ को नुकसान हुआ

टीएस सिंह देव  ने बताया कि जीएसटी को लेकर चर्चा हुई. उसके आय के स्त्रोत को लेकर चर्चा हुई है. राज्य की आमदनी में कितना नुकसान कितना नफा जीएसटी लागू होने के बाद हुआ है. स्वाभाविक तौर पर छत्तीसगढ़ को जीएसटी से नुकसान हुआ है. ये उत्पादक राज्य था. उपभोग करने वाला राज्य नहीं होने के कारण जीएसटी के नुकसान हुआ है. 2022 के बाद करीब 3600 करोड़ का नुकसान जीएसटी के कारण होने की संभावना है. वो पैसा अभी वापस मिलता है, लेकिन 5 साल के बाद छत्तीसगढ़ नुकसान की स्थिति में होगा. इसकी समीक्षा हो रही थी. ई-वे बिल को लेकर भी चर्चा हुई. फिलहाल जो कहा गया है कि जिले में ई-वे बिल नहीं लिया जा रहा है. राज्य के अंदर ई- वे बिल समाप्त होना चाहिए.