लखनऊ. उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान की मुश्किलें बढ़ते ही जा रही है. एक तरफ जहां पहले उनकी विधायकी गई और अब रामपुर उपचुनाव में वोट डालने का अधिकार भी चला गया. ऐसा इसलिए क्योंकि वोटर लिस्ट से उनका नाम काट दिया गया है. जिसके पीछे की वजह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आकाश सक्सेना का प्रार्थना पत्र बताया जा रहा है. इसी पत्र के आधार पर कार्रवाई करते हुए रामपुर निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने आजम खान का नाम वोटर लिस्ट से काटने का आदेश जारी किया है.

बता दें कि मोहम्मद आजम खान को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 2000 का अर्थदंड भी लगाया है. जिसके बाद उनकी विधायकी रद्द कर दी गई थी. अब रामपुर विधानसभा सीट पर 4 दिसंबर को उपचुनाव होना है. जिसको लेकर भाजपा प्रत्याशी ने आजम खान का नाम वोटर लिस्ट से काटे जाने का प्रार्थना पत्र दिया था. जिसमें लोकप्रतिनिधी अधिनियम 1951 की धारा 16 के अंतर्गत चुनावी भ्रष्ट आचरण साबित हो जाने पर वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने के नियम का हवाला दिया गया था.

समाजवादी पार्टी ने रामपुर उपचुनाव में आजम खान के करीबी आसिम रजा को मैदान में उतारा है. इससे पहले वह रामपुर से लोकसभा उपचुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि भाजपा के घनश्याम लोधी ने 42,048 वोटों से आसिम रजा को चुनाव हरा दिया था.

आजम खान ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित रूप से रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया था और तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद आजम खान की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.