नितिन नामदेव, रायपुर. नौकरी से निकाले गए बीएडधारी सहायक शिक्षकों ने आज अर्धनग्न होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. सभी पुरुष शिक्षकों ने अपने आधे वस्त्र उतारकर अपनी पीड़ा और आक्रोश व्यक्त किया. यह कदम सरकार तक अपनी बात पहुंचाने और सेवा सुरक्षा एवं समायोजन की मांग को बल देने के लिए उठाया गया.
पुरुष शिक्षकों ने आत्मसम्मान को दांव पर लगाकर अपनी आवाज बुलंद की. कल आदिवासी महिला शिक्षिकाओं सहित 3000 से अधिक शिक्षकों ने नेशनल हाईवे पर दंडवत प्रणाम करते हुए सरकार से न्याय की गुहार लगाई थी. प्रदर्शनकारियों ने कहा, यह आंदोलन न केवल सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है, बल्कि राष्ट्रीय मीडिया का भी ध्यान आकर्षित कर चुका है.
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कहा “क्या राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान देने वाले शिक्षकों का ऐसा अपमान उचित है? क्या सरकार हमारी वर्षों की सेवाओं और बलिदानों का सम्मान करेगी?” बीएडधारियों को शिक्षक बनने का अवसर देने के बाद उनकी सेवाओं को भी सुरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार त्वरित निर्णय लेकर हमारी सेवाओं को सुरक्षित करे और समायोजन की स्पष्ट नीति बनाई जाए.
कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
बीएडधारी सहायक शिक्षकों के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी एवं पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. बघेल ने ट्वीट कर कहा है कि युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन छत्तीसगढ़ के युवा सड़कों पर दंडवत होकर सरकार से निवेदन के लिए अनुनय यात्रा निकाली, लेकिन यह संवेदनहीन सरकार करोड़ों खर्च कर “युवा महोत्सव” मनाने का ढोंग कर रही है. इन युवाओं को भाजपा सरकार ने नए साल में शिक्षक की नौकरी से निकालकर बेरोजगार कर दिया है. यदि सरकार चाहे तो इन्हें दूसरे पदों पर समायोजित किया जा सकता है. हम सब छत्तीसगढ़वासी अपने युवाओं के साथ हैं.
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