लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर RSS नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर हंगामा मचा हुआ है. RSS ने खुद को इस बयान से किनारा कर लिया है. अब योग गुरु बाबा रामदेव की भी प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा है कि भगवान राम सबके हैं और देश भी सबका है. देश में विभाजन का बीज बोना राष्ट्र की एकता के लिए अच्छा नहीं है.

बाबा रामदेव ने कहा, ‘राजनीति में बयानबाजी होती रहती है. भगवान राम सबक हैं. यह राष्ट्र सभी का है. हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. जाति, संप्रदाय और विचारधाराओं के आधार पर विभाजन पैदा करना राष्ट्रीय एकता के लिए ठीक नहीं है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, ‘पिछले एक दशक में चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से आगे बढ़ाया है. मेरा दृढ़ विश्वास है वह देश को आगे ले जाना जारी रखेंगे.’

इंद्रेश कुमार ने BJP पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो पार्टी राम की पूजा करती थी, वह अहंकारी हो गई, ऐसे में 2024 के चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी बन तो गयी, लेकिन जो उसे सत्ता मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान राम ने अहंकार के कारण रोक दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग राम का विरोध करते थे, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं मिली, यहां तक कि सभी को मिलाकर 2 नंबर पर खड़ा कर दिया गया. उन्होंने कहा कि भगवान का न्याय बडा सत्य है, बड़ा आनंददायक है.

उन्होंने स्पष्ट रूप से सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन दोनों पर निशाना साधा. हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा कि भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई, उसे 241 पर ही भगवान ने रोक दिया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया और जिनकी राम में आस्था नहीं थी, उन सबको मिलकर भगवान ने 234 पर रोक दिया .

इंद्रेश के बयान से आरएसएस का किनारा

RSS ने भाजपा के साथ अपने मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया और इसे भ्रम पैदा करने की कोशिश करार दिया. संघ के सूत्रों ने इस बात को भी मानने से इनकार किया कि लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर संघ संचालक मोहन भागवत की आलोचनात्मक टिप्पणियां सत्तारूढ़ पार्टी को निशाना बनाकर की गई थीं.

सूत्रों ने यह भी कहा कि RSS और भाजपा सहित उसके सहयोगी संगठनों की 3 दिवसीय वार्षिक समन्वय बैठक केरल के पलक्कड़ जिले में 31 अगस्त से शुरू होगी. बैठक में BJP अध्यक्ष समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. आरएसएस सूत्रों ने कहा, “आरएसएस और भाजपा के बीच कोई दरार नहीं है.”