दिल्ली। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसले की तारीख बढ़ा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ स्पेशल कोर्ट की समय-सीमा में एक महीने से अधिक समय की वृद्धि कर दी है. अब इस मामले में फैसला सितंबर के अंतक संभव है. बाबरी केस में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य नेता आरोपी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रिपोर्ट देखने के समय आगे बढ़ाई है. पहले इस मामले में फैसले की तारीख 31 अगस्त तक थी. गौरतलब है कि कोर्ट में ट्रायल अप्रैल 2017 में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई करने और दो साल में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था. इस मामले में आडवाणी ने 24 जुलाई को अपना बयान दर्ज कराया था. अपने बयान में उन्होंने विवादित ढांचा गिराये जाने की साजिश में शामिल होने से इंकार किया था.
उन्होंने कहा था कि राजनीतिक वजहों से उन्हें बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में अनावश्यक रूप से घसीटा जा रहा है. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने 23 जुलाई को विशेष सीबीआई अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था. उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से फंसाने का आरोप लगाया.