विक्रम मिश्र, लखनऊ. लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) अपने कारनामे को लेकर हमेशा ही चर्चा में रहता है. यहां के बाबू हो या उपाध्यक्ष सभी हमेशा अपने नए कारनामे से अचंभित करते हैं. यहां पर अब एक नया कारनामा सामने आया है. जिसमें एलडीए में बाबूओं की कमी को पूरा करने के लिए 43 चतुर्थ श्रेणी समूह को कर्मचारियों को बिना पदनाम बदले लिपिक का काम सौंप दिया गया है.
पूर्व में चतुर्थ श्रेणी से लिपिक बनाने के लिए टाइपिंग टेस्ट लिया जाता रहा है. सूत्रों की मानें तो नियम विरुद्ध किए गए मनमाने आदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से काम लिपिक का कराया जाएगा. लेकिन पदनाम चतुर्थ श्रेणी का ही रहेगा. वेतन भी चतुर्थ श्रेणी का मिलेगा. हालांकि लिपिक के पद के अनुसार हस्ताक्षर करने का उन्हें अधिकार होगा. चतुर्थ श्रेणी से बाबू बनाए गए 43 लोगों की जगह कार्य करने के लिए सिस्टम से एक एजेंसी से नई भर्ती करने की तैयारी भी सुनने में आ रही है.
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बता दें कि एलडीए के ऐसे कारनामे आए दिन सामने आते रहते हैं. बीते मई महीने में एलडीए भवन से फाइलों के गायब होने का मामला सामने आया था. ये फाइलें एलडीए द्वारा किए गए जमीन आवंटन की थी. कुल 24 फाइलें भवन से गायब हुई थी.
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