तहरीक मुस्लिम शब्बन के ग्रेटर हैदराबाद में बाबरी मस्जिद मेमोरियल और वेलफेयर इंस्टीट्यूशन बनाने के ऐलान के बाद इस पर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. ये फैसला मस्जिद गिराए जाने की 33वीं बरसी पर बाद लिया गया. अब इसे लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान सामने आया है.
पूर्व सीएम ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा है कि ‘चुनाव के समय में कभी अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए हम कुछ ऐसा कदम उठाते हैं जिससे समाज का ध्रुवीकरण और जटिलतर हो जाता है, जो राष्ट्रहित में नहीं है. मंदिर या मस्जिद बनाना और उसमें सहयोग देना एक नागरिक अधिकार हो सकता है. मगर समाज का अपनी राजनीति के लिए ध्रुवीकरण करना नागरिक कर्तव्य का दुरुपयोग है.’
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रावत ने आगे लिखा कि ‘बाबर एक आक्रांता था उसके नाम पर मस्जिद का निर्माण करना इस तरीके की कोशिशों को कोई भी समाज, चाहे वह आरती करने वाला समाज हो या नमाजी समाज हो, कोई समाज उसको स्वीकार नहीं करेगा और न करना चाहिए. प्रबुद्ध जनमत को इस प्रयास के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए और इसके आधार पर ध्रुवीकरण के राजनीतिक प्रयासों की भी निंदा होनी चाहिए’.
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