कवर्धा. बच्चू लाल की मौत की घटना अब राजनीतिक तूल पकड़ती नजर आ रही है. इस मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने सात सदस्यीय दल का गठन किया था. जो मंगलवार को नगर पंचायत पांडातराई पहुंचा. यहा टीम के सदस्यों ने सीएमओ अमिश ठाकुर से बात​ की और मामले के बारे मे विस्तार से जानकारी ली.

सात सदस्यों की टीम में पूर्व नेताप्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे, मो. अकबर, लालजी चंद्रवंशी, शिव डहरिया और महेश चंद्रवंशी शामिल रहे. इस बीच रविन्द्र चौबे ने बच्चू लाल की मौत को बेहद दुर्भाग्य जनक बताते हुए, इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

जांच टीम के सदस्यों ने बताया कि पांडातराई नगर पंचायत अध्यक्ष के ऊपर आरोप लगाते हुए बच्चू लाल ने अक्टूबर माह में कवर्धा कलेक्टर को आवेदन दिया था. उस आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं किया. यदि उस पर कार्रवाई की जाती तो आज बच्चू लाल की जान बच सकती थी.

वही मो.अकबर ने इस मामले के लिए पांडातराई नगर पंचायत अध्यक्ष रामचंद पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए, उसके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है. अकबर का आरोप है कि कमीशनखोरी के चलते बच्चूलाल ने आत्मदाह किया है.

आपको बता दें कि बच्चू लाल ने कवर्धा सीएम हाउस के सामने 8 नवंबर को आत्मदाह कर लिया था. जिसके बाद उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई. आत्मदाह के पीछे बताया जा रहा है कि बच्चूलाल और उसकी पत्नी सुनीता नगर पंचायत में पिछले 9 महीने से स्वीपर के पद पर काम कर रहे थे. दोनों का वेतन 7-7 हजार रुपए था. पीड़ित की पत्नी सुनीता के अनुसार दोनों को कुल 9 हजार रुपए हर महीने मिलते थे और वे 5 हजार रुपए नगर पंचायत अध्यक्ष को जमा कर देते थे. जब उन्होंने अपने पैसे मांगे, तो दोनों को 1 नवंबर को नौकरी से निकाल दिया गया. जिसकी वजह से बच्चूलाल काफी परेशान रहता था और 8 नवंबर को उसने आत्मदाह कर लिया.