बिलासपुर। पिछड़ा वर्ग आयोग विवाद मामले में पूर्व अध्यक्ष थानेश्वर साहू और राज्य शासन ने एक्टिंग चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में दो अलग-अलग अपील प्रस्तुत की है. राज्य शासन ने वर्तमान अध्यक्ष डॉ. सियाराम साहू के पक्ष में दिए गए सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी है.
दरअसल, 6 जुलाई को एक्टिंग चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने सियाराम साहू को नोटिस जारी करते हुए 2 सप्ताह में जवाब तलब किया था. आज इसमें सुनवाई होनी थी, लेकिन अब 12 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी गई है. इससे पहले हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने कार्यकाल पूरा हुए बिना पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सियाराम साहू को उनके पद से हटाने के खिलाफ पेश याचिका पर अपना आदेश सुनाते हुए राज्य शासन के द्वारा थानेश्वर साहू की नियुक्ति के आदेश को निरस्त कर दिया था.
बता दें कि कांग्रेस के राज्य शासन ने प्रदेश के विभिन्न निगम एवं मंडलों में नई नियुक्ति करने पूर्व से पदस्थ अध्यक्ष और सदस्यों को पद से हटाने की कार्रवाई की थी. इसी कड़ी में पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सियाराम साहू को भी पद से हटा दिया गया था. इसके खिलाफ आयोग के अध्यक्ष सियाराम साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
याचिका में कहा गया था कि आयोग में उनकी नियमानुसार नियुक्ति हुई है. उनका कार्यकाल अगस्त 2021 में पूरा होगा. बीच में पद से हटाया जाना नियम विरुद्ध है. हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिंगल बेंच ने अपने आदेश में सियाराम के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसी सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए पूर्व अध्यक्ष थानेश्वर साहू और राज्य शासन ने दो अलग-अलग अपील डिवीजन बेंच में लगाई है.
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