रायपुर- खबर है कि वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर सूबे के स्वास्थ्य महकमे के प्रमुख सचिव डॉ.आलोक शुक्ला जिला कलेक्टरों से बेहद नाराज हैं. सूत्र बताते हैं कि एक आंतरिक चर्चा में डॉ.शुक्ला ने कलेक्टरों को यहां कह दिया कि- देखिए देश के दूसरों हिस्सों में क्या चल रहा है और हम कहां हैं? क्या हमने पर्याप्त मेहनत करने का उत्साह पूरी तरह से खो दिया है. क्या हम दुनिया को यह नहीं दिखाना चाहते कि छत्तीसगढ़ बेहतर कर सकता है?

डाॅ.आलोक शुक्ला को यह सब कहने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी? दरअसल 21 जून को शुरू हुए कोरोना वैक्सीन अभियान के पहले ही दिन देशभर में 80 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाया गया. अकेले मध्यप्रदेश ने एक दिन में सर्वाधिक 16 लाख 70 हजार लोगों को वैक्सीन लगाया, लेकिन छत्तीसगढ़ में महज 87 हजार 810 लोगों को ही वैक्सीन लगाया गया. ऐसे में सवाल उठने लगे कि फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाने के मामले में दूसरे नंबर पर रहा छत्तीसगढ़, अब वैक्सीनेशन में पिछड़ रहा है?

आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य महकमे के प्रमुख सचिव डाॅ.आलोक शुक्ला ने जिला कलेक्टरों से वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा करने की योजना मांगी? कलेक्टरों से उत्साहजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि, यदि इस वक्त में उचित लक्ष्य निर्धारित नहीं करते, तो यह हमारी सामूहिक विफलता होगी. सूत्रों का दावा है कि डाॅ. शुक्ला ने कहा, इस तरह के मैसेज लिखने के लिए खेद हैं, लेकिन मैं इसे निराशा में लिख रहा हूं और मुझे यह नहीं पता कि मैं मुख्यमंत्री को क्या कहूंगा.

बताते हैं कि कलेक्टरों से लक्ष्य निर्धारित कर बताए जाने के निर्देश के बाद भी ज्यादातर जिलों के कलेक्टरों ने किसी तरह का सकारात्मक जवाब नहीं दिया, जिसके बाद डाॅ. आलोक शुक्ला ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, मैं अब भी कलेक्टरों के उनके जिलों में वैक्सीन के लक्ष्य निर्धारित करने का इंतजार कर रहा हूं.

हालांकि सूत्र बताते हैं कि उनकी इस टिप्पणी पर अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने जिला कलेक्टरों को वैक्सीनेशन में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि पहले लाॅकडाउन में सभी कलेक्टरों ने अच्छा काम किया था, लिहाजा उस स्तर की काम की मौजूदा वक्त में जरूरत है. कोरोना के इस फेज में छत्तीसगढ़ पीछे हो रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने निर्देश में दो टूक कहा है कि वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.