नीलम शर्मा पन्ना। आजादी के 75 साल बाद भी पन्ना जिले के सैकड़ाभर से अधिक गांव सड़कविहीन हैं। बारिश के दिनों में यहां के मार्ग दलदल में तब्दील हो जाते हैं जिससे ग्रामीणों का आवागमन ठप हो जाता है। कुछ ग्रामों का संपर्क तो पूरी तरह से टूट जाता है। कुछ ग्रामों में स्कूल नहीं होने से बच्चे कई किलोमीटर दलदल पार कर स्कूल जाने को मजबूर है।
ऐसा ही एक मामला पन्ना विधानसभा के अजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत बरियारपुर पंचायत के मजरा सलैया मंझपुरवा से सामने आया है। लगभग 400 आबादी और 100 घरों वाले इस गांव के बच्चे बरसात के 4 माह तक सिर पर बस्ते और हाथों में जूते लेकर 2 किलोमीटर कीचड़ पार कर जान जोखिम में डाल स्कूल पहुंचते हैं।
बताया जाता है कि 2 वर्ष पूर्व एक बच्ची की इसी दलदली रास्ते में फिसल कर गिरने की वजह से मौत हो गई थी। बच्ची के नाक और मुंह में कीचड़ चले जाने की वजह से दम तोड़ दिया था। कुछ दिनों तक यह मामला सुर्खियों में बना रहा, फिर व्यवस्था पुराने ढर्रे पर आ गया। सरकार या किसी प्रतिनिधियों द्वारा सड़क निर्माण के लिए कोई पहल नहीं हुई है।
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