बीजापुर. जिलेे में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना का बुरा हाल है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत काम कराए गए थे, लेकिन उन स्कूलों में मरम्मत और जीर्णोद्धार के कार्य गुणवत्ताहीन हुए हैं. मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है.
दरअसल छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना तैयार की थी. इस योजना के तहत टूट-पुट व अधूरे पड़े स्कूलों को पूर्ण करने थे. उन स्कूलों के मरम्मत के लिए शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन समिति को ही कार्य हेंडओवर किया था, ताकि स्कूलों का कार्य पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण हो, अंदुरुनी ग्रामों में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत स्वीकृत स्कूलों में मरम्मत के नाम से सिर्फ खानापूर्ति की गई है. न स्कूलों में पुट्टी-पेन्ट की गई न किसी प्रकार की मरम्मत की गई है. किसी स्कूलों में लगे टाइल्स टूटे हैं तो किसी छत में लगा सीट टूट चुका है. इसका खामियाजा पढ़ने वाले नन्हे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. इन स्कूलों में न शिक्षा विभाग के अधिकारी पहुंचे न कोई बड़े अधिकारी सुध लेने पहुंचे हैं.
सीएम ने अफसरों से कहा था – लापरवाही नहीं होगा बर्दाश्त
स्कूलों की मरम्मत को लेकर बीते सोमवार को सीएम विष्णुदेव साय ने भी शिक्षा विभाग की एक बैठक ली थी, जिसमें सीएम ने सभी जिलों के कलेक्टरों और विभागीय अधिकारियों से कहा था कि मरम्मत में ढिलाई बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा. समय सीमा में कार्य पूर्ण करें. स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए.
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