मनोज यादव, कोरबा। जिले में सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को कच्चा राशन में घटिया सोयाबीन बड़ी दिए जाने की शिकायत मिली है. स्थानीय लोगों ने बताया कि महिला स्व सहायता समूह द्वारा जानबूझकर मध्यान्ह भोजन में खराब बड़ी बांटी जा रही है. आगे कहा कि रायपुर के सप्लायर द्वारा भेजी गई सोयाबड़ी खाने योग्य नहीं है. यह बड़ी सूखा भोजन के साथ जिन विद्यार्थियों के परिजनों को सौंपा गया, उन्होंने बताया कि यह बड़ी गल जा रही है और खाने के लायक बिल्कुल नहीं है.

महिला स्व सहायता समूह से जुड़े कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस सोयाबड़ी से बनी सब्जी खाकर तीन बच्चों की तबीयत भी खराब हो गई थी.

कोरोना वायरस के कारण सरकारी स्कूलों के बच्चों को अप्रैल माह से कच्चा भोजन दिया जाने की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है. इसमें इस व्यवस्था में छिद्र करते हुए हुए सोयाबड़ी के सप्लायर ने ऐसी गोटी फेंकी की महिला समूह जो बड़ी 90 रुपए में खरीदा करती थी, उसी बड़ी को 115 रुपए प्रति किलो में खरीदा जा रहा है.

इससे पूर्व भी इसकी शिकायत परिजनों द्वारा की जा चुकी है. पिछले सप्ताह ही एक महिला स्व सहायता समूह द्वारा वितरित किए गए राशन में अरहर दाल की जगह मिक्स दाल और सड़ी गली सोयाबड़ी का वितरण कर दिया गया था. बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए अपनी तिजोरी भरने वाले सप्लायर और उसके आकाओं की पकड़ इतनी सख्त है कि उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता.

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पाण्डे ने बताया कि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन सामान सूखा राशन महिला समिति के द्वारा बच्चों को बांटा जा रहा है. मीडिया के माध्यम से पता चला है कि बांटा जा रहा सोयाबीन बड़ी ठीक नहीं है. एजेंसी के द्वारा वितरण किया जा रहा है, इसकी जानकारी तत्काल सभी वितरण केंद्रों में दे दी गई है कि वह खराब बड़ी का वितरण न करें.

बहरहाल मध्यान्ह भोजन के जरिए बच्चों को शाला तक जाने और उनको स्वास्थ्य रखने के लिए पौष्टिक आहार देने की सरकारी मंशा पर भ्रष्टाचारी लगातार पलीता लगा रहे हैं, इसकी देखरेख के लिए जिन लोगों को दायित्व सौंपा जाता है वह अपनी जेब भरने के लिए देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.