भारत के अंतरिक्ष इतिहास में आज एक और सुनहरा पल जुड़ गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने LVM3-M5 रॉकेट की मदद से CMS-03 (GSAT-7R) सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. मौसम ने पूरी तरह साथ नहीं दिया—बादल घने थे, हवा तेज चल रही थी और बारिश की आशंका बनी हुई थी. लेकिन ISRO की टीम ने हार नहीं मानी.

बाहुबली रॉकेट ने बिल्कुल सटीक समय पर उड़ान भरी. सैटेलाइट को उसकी सही कक्षा में पहुंचा दिया. ये भारत का अब तक का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका वजन करीब 4,410 किलोग्राम है. ये सैटेलाइट भारतीय नौसेना के लिए समुद्री इलाके में संचार व निगरानी को मजबूत करेगा.

लॉन्च की मुश्किलें: मौसम की मार झेलकर भी जीत

सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से लॉन्च प्लान दोपहर का था. लेकिन सुबह से ही आसमान उदास था. तेज हवाओं ने रॉकेट की उड़ान को मुश्किल बना दिया. ISRO के वैज्ञानिकों ने रडार और मौसम की मॉनिटरिंग से घंटों इंतजार किया. आखिरकार, एक छोटे से विंडो का फायदा उठाकर लॉन्च हो गया. LVM3 रॉकेट ने सिर्फ 50 मिनट में सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में छोड़ दिया. कंट्रोल रूम में तालियां बज उठीं. ये रॉकेट का पांचवां लगातार सफल मिशन है, जो ISRO की तकनीकी ताकत दिखाता है.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा. हमारा स्पेस सेक्टर हमें लगातार गर्व महसूस करा रहा है! भारत के सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट, CMS-03 के सफल लॉन्च पर ISRO को बधाई. उन्होंने लिखा कि हमारे स्पेस साइंटिस्ट्स की वजह से, यह तारीफ़ के काबिल है कि हमारा स्पेस सेक्टर एक्सीलेंस और इनोवेशन का दूसरा नाम बन गया है. उनकी सफलताओं ने देश की तरक्की को आगे बढ़ाया है और अनगिनत लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाया है.

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