सुशील खरे, रतलाम। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे है, वैसे-वैसे नेताओं की बयानबाजी में तेजी हो गई है। ऐसे में कही नेताओं की कहीं जुबान फिसल रही है तो कई बिगड़े बोल नजर आ रहे हैं । रतलाम में भी कांग्रेस के जिला सम्मेलन में कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने प्रदेश की भाजपा सरकार को आतंकवादी सरकार कह दिया, वे यहीं नहीं रुके उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को रंगा बिल्ला तक कह डाला। उनके भाषण का वीडियो भी वायरल हो रहा है। हालांकि लल्लूराम डॉट कॉम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
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भूरिया ने कहा कि बीजेपी की सरकार आतंकी सरकार है, मोदी और अमित शाह रंगा बिल्ला है, ये दोनों मिलकर सरकार चला रहे है। बाकि सब मंत्री बैठे-बैठे खा रहे है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता तो भूखे मर रहे है। उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी विदेश यात्रा पर जाते है, जबरदस्ती वहां जाकर नेताओं से गले मिलते है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश में हमें कांग्रेस की सरकार बनानी है सभी कार्यकर्ता एकजुट रहें यदि किसी कार्यकर्ता को पुलिस के द्वारा बुलाया जाता है तो उस कार्यकर्ता के साथ 10 से 20 कार्यकर्ता भी थाने पर पहुंचे भाजपा सरकार ने किसी को भी नहीं छोड़ा भगवान भी परेशान हैं महाकाल लोक का हाल देखा होगा।
कांतिलाल भूरिया का यह बयान रतलाम ग्रामीण विधानसभा में आयोजित जिला कांग्रेस के सम्मेलन का है। जहां कांतिलाल भूरिया ने केंद्र में केवल दो ही लोगों की सरकार होने का दावा किया। कांतिलाल भूरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ही तानाशाह के अंदाज में सरकार चला रहे हैं। वहीं, शिवराज सरकार पर भी तंज कसते हुए भूरिया ने कहा कि शिवराज सिंह कहते थे कि किसान मेरे भगवान है लेकिन उन्होंने तो भगवान को ही लूट लिया। हालांकि कांतिलाल भूरिया यहीं नहीं रुके और उन्होंने भाजपा सरकार को आतंकियों की सरकार करार दे दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले 4 महीनों में आतंकियों की सरकार को उखाड़ फेंकना है। इन्होंने पूरे प्रदेश में आतंक मचा रखा है।
कौन थे रंगा-बिल्ला
रंगा और बिल्ला 80 के दशक के दो कुख्यात अपराधी थे जिनके असली नाम क्रमशः कुलजीत सिंह और जसबीर सिंह थे। 26 अगस्त 1978 को इन्होंने दिल्ली में दो बच्चे जिनके नाम गीता और संजय चोपड़ा थे, उनका फिरौती पाने के उद्देश्य से अपहरण किया।हालांकि बाद में ये पता चलने पर की इनके पिता नौसेना में अधिकारी हैं अपना इरादा बदल दिया। लेकिन साथ ही और घिनौनी हरकत करते हुए इन्होंने संजय की हत्या कर दी। बाद में गीता से बलात्कार किया और फिर उसकी भी हत्या कर दी। 3 दिन बाद दोनों के शव मिले।इसके बाद ये दोनों शहर छोड़ कर भाग गए। लेकिन 1982 में इन्हें एक ट्रेन में गिरफ्तार किया गया। अदालत ने इन्हें दोषी करार देते हुए उनके जघन्य अपराध के लिए फांसी पर लटका दिया।
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