अनूप मिश्रा, बहराइच. कई दिनों से क्षेत्र में छाए बादलों और हल्की फुहारों के बाद अचानक हुई तेज बारिश ने अन्नदाताओं की परेशानी को कई गुना बढ़ा दिया है. किसानों ने अपनी धान की कटी हुई फसल खेतों में सूखने के लिए छोड़ दी थी, लेकिन अचानक हुई इस बारिश से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. जिससे किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है. विशेश्वरगंज में कटे पड़े धान के खेतों में तेज बारिश से जलभराव हो गया है, जिससे धान की बालियों में अंकुरित होने की प्रबल संभावना है.

भीगी हुई बालियों में अंकुरण होने से फसल की गुणवत्ता और उपज दोनों पर गंभीर असर पड़ेगा. इस प्राकृतिक आपदा से क्षेत्र के शेखापुर ग्राम पंचायत के कई किसान प्रभावित हैं. जिसमें राजकिशोर सिंह, वीर बहादुर सिंह, लल्ले सिंह, भल्लू सिंह, राजा भैया, सुनील सिंह, बैजनाथ सिंह, रघुनाथ सिंह, सूरज सिंह, अमरदीप सिंह, प्रदीप सिंह, मुनीजर सिंह, नितीश सिंह, सनी सिंह, नीरज सिंह, बघेल सिंह, दूधनाथ सिंह, कनछेद सिंह, इंद्रजीत सिंह, पिंटू सिंह, विनोद सिंह, नागेंद्र मिश्रा, वृजकिशोर पाठक सहित कई अन्य शामिल हैं.

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किसानों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि फसल कटाई के लिए पूरी तरह तैयार थी और हमने इसे काटकर खेत में डाल दिया था. अब इस बारिश ने सब बर्बाद कर दिया है. ये हमारी साल भर की मेहनत है. क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि धान की ये फसल उनकी मुख्य पूंजी होती है. इस भारी क्षति से उन्हें अगले बुवाई सत्र के लिए पूंजी की कमी का डर सता रहा है.
किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल क्षति का शीघ्र सर्वे कराकर इस प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए उचित मुआवजा देने की मांग की है.