दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) के नाम पर बैगाओं के साथ सिस्टम ने भद्दा मजाक किया है। गरीबों को प्रधानमंत्री आवास के नाम पर ऐसे घर बनाकर दे दिए, जिसमें जानवर भी रहना पसंद न करे। पूरा मामला मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में बैगा आदिवासी बाहुल्य गौरा कन्हारी गांव का है। यहां के बैगाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर एक दो नहीं बल्कि एक दर्ज़न से अधिक कच्चे व झोपड़ीनुमा मकान बना दिए गए हैं। आवास योजना के तहत बने इन मकानों में छत के नाम पर बल्लियों के सहारे खप्पर बिछाये गए हैं। वहीं वहीं कुछ मकानों में सीमेंट और कांक्रीट की जगह पर मिट्टी का उपयोग किया गया है। एक मकान में तो छत के नाम पर सिर्फ घासफूस और पत्ते ही नजर आते हैं।
आवास योजना के हितग्राहियों ने बताया कि योजना का लाभ दिलाने के नाम पर सरपंच सचिव से लेकर तमाम जिम्मेदारों ने मोटी रकम बतौर रिश्वत वसूले हैं। इतना ही नहीं पंचायत सचिव ने तो अधिकारियों को खुश करने के लिए हितग्राही से मुर्गा भी ऐंठ कर ले जाने की बात सामने आ रही है। पीएम आवास योजना में गड़बड़ी उजागर होने के बाद इलाके के परियोजना अधिकारी जांच की बात कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। वही क्षेत्रीय विधायक ओमकार सिंह (MLA Omkar Singh) ने मामले की गंभीरता को जानने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धरातल में आकर देखने की नसीहत दे डाली।
योजना का लाभ लेने सरपंच और सचिव को 5-5 हजार घूस दिए
आवास योजना के हितग्राही छोटेलाल बैगा ने बताया की योजना का लाभ दिलाने के नाम पर सरपंच को 5 हजार, सचिव ने 5 हजार, रोजगार सहायक को 3 हजार, फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी को 1 हजार और पंचायत के ही एक कर्मचारी को 1 हजार रुपए की रिश्वत देना पड़ा है। इतना ही नहीं अधिकारीयों को खुश करने के नाम पर पंचायत सचिव छोटेलाल से एक मुर्गा मांगकर ले गया है। तब कहीं जाकर उसे आवास योजना की चारों किश्तें मिल पाई है।
हितग्राही छोटेलाल ने कहा कि वो छत वाला पक्का मकान बनाना चाहता था लेकिन मटेरियल की किल्लत और सरपंच सचिव के द्धारा आवास निर्माण में जल्दबाजी कराने के चक्कर में उसे मजबूरन कच्चा मकान बनाना पड़ गया। छोटेलाल का कहना है की जब वो पक्का मकान बनाने के लिए अड़ गया था तो सरपंच सचिव आवास योजना से उसका नाम काटने के लिए धमका रहे थे।
दीवार में सीमेंट की जगह लाल मिट्टी का इस्तेमाल
छोटेलाल के घर से कुछ दूरी चलने के बाद हमें बुध सिंह मिले। आपको जानकर हैरानी होगी की बुध सिंह की पत्नी ललिया बाई ग्राम की सरपंच हैं लेकिन बुध सिंह और उनके सगे भाई प्रेम सिंह भी पीएम आवास योजना के हितग्राही हैं। सरपंच पति बुध सिंह के आवास में भी छत के नाम पर खप्पर बिछे हुए हैं। मगर उनके भाई प्रेम सिंह के आवास को बिना नींव के ही खड़ा कर दिया गया है। दीवार में सीमेंट कांक्रीट की जगह लाल मिटटी का इस्तेमाल किया गया है और छत के नाम पर खप्पर बिछा दिया गया है। सरपंच पति बुध सिंह ने आवास योजना में हुई गड़बड़ी को लेकर बड़ा खुलासा किया उन्होंने बताया की किसी दूसरे पक्के मकानों की फोटो जियो टैग करके आवास योजना के तहत बने कच्चे मकानों की किश्तें जारी कर दी गई है। सरपंच पति बुध सिंह बताते हैं की पंचायत सचिव ने उनके सगे भाई से 30 हजार रूपये रिश्वत लिए हैं।
जांच के बाद कार्रवाई होगीः जिला परियोजना अधिकारी
पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में बड़ी लापरवाही उजागर होने के जिला परियोजना अधिकारी सीएस सिंह जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। वहीं इस मामले में क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए योजनाओं की हकीकत जानने के लिए धरातल में जाकर न्याय दिलाने की बात कही। विधायक का कहना है कि जब प्रभारी मंत्री आते है तो समस्याओं को बताने पर उंन्हे रोक दिया जाता है। जब राज्यपाल आये तो ग्रामीणों को मिलने नहीं दिया गया।
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