लुधियाना. लोक इंसाफ पार्टी के पूर्व विधायक एवं बैंस ब्रदर्स सियासी भंवर में फंसे दिखाई दे रहे हैं. भाजपा की ओर से रवनीत सिंह बिट्टू को अपना उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस के भाजपा में जाने की अटकलों पर विराम पहले ही लग चुका है. अब कुछ दिनों से उनके कांग्रेस या आप में शामिल होने की चर्चाएं सुनने को मिल रही है, लेकिन उनकी दाल अभी गली नहीं है.


सूत्रों के अनुसार भाजपा के साथ बात न बनने की वजह से सिमरजीत बैंस ने कांग्रेस का हाथ पकड़ने की इच्छा जताई थी. कुछ दिन पहले बैंस बद्रर्स पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के संपर्क में आए. चन्नी ने भी बैंस को कांग्रेस में शामिल करवाने के लिए पार्टी हाईकमान के पास हिमायत कर दी. बैंस ने कांग्रेस में शामिल होने के साथ-साथ लुधियाना से लोकसभा टिकट की डिमांड भी की थी. इससे पहले कि पार्टी हाईकमान कोई फैसला लेती, यह बात लुधियाना कांग्रेस लीडरशिप तक पहुंच गई.

लोकल लीडरशिप ने बैंस ब्रदर्स की इस शर्त पर कांग्रेस में एंट्री का विरोध शुरू कर दिया. बताते हैं कि पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में कांग्रेसियों ने हाईकमान के पास अपना ऐतराज जताया कि बैंस ने लोकल लीडरशिप को बाईपास किया है. इसलिए बैंस की कांग्रेस में शमूलियत उन्हें स्वीकार नहीं है. विचार- विमर्श के बाद स्थानीय नेताओं ने प्रस्ताव दिया कि बैंस ब्रदर्स का स्वागत है, लेकिन लोकसभा चुनाव में वे लुधियाना से चेहरा नहीं होने चाहिए. कांग्रेस नेताओं ने हाईकमान को स्पष्ट कहा कि वे किसी बाहरी नेता को उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे. बताते हैं कि कडे ऐतराज के बाद बैंस का आप के साथ बैठकों का दौर शुरू हो गया. अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक बैंस ब्रदर्स ने दिल्ली में आप के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात की है, लेकिन ताल मिल नहीं रही है.

Bains Brothers in political whirlpool, neither finding rhythm with AAP nor paying attention to Congress