भुवनेश्वर। बालासोर रेल हादसे की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को सोरो सेक्शन सिग्नल जूनियर इंजीनियर के घर को सील कर दिया. किराए के मकान में रहने वाले जेई आमिर खान से सीबीआई ने पहले पूछताछ की थी, जिसके बाद से वह अपने परिवार के साथ लापता है.
सीबीआई की टीम 16 जून को बालासोर में कदम रखने के बाद सोमवार को दोबारा लौटी और दिन में ही इंजीनियर के आवास को सील कर दिया. इस कार्रवाई के दौरान इंजीनियर अपने घर पर मौजूद नहीं था.
बता दें कि रेलवे में सिग्नल, ट्रैक सर्किट, पॉइंट मशीन और इंटरलॉकिंग सिस्टम जैसे सिग्नलिंग उपकरण को स्थापित, रखरखाव और मरम्मत करके ट्रेन संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक सिग्नल जूनियर इंजीनियर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके साथ ही सिग्नल जूनियर इंजीनियर की जिम्मेदारियां भारतीय रेलवे के भीतर मंडल या क्षेत्र के आधार पर भिन्न हो सकती हैं.
इस बीच पश्चिम बंगाल के एक 24 वर्षीय यात्री ने कटक के एक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ने के साथ बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 292 हो गई है. इस महीने की शुरुआत में हुई रेल दुर्घटना में 287 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि अन्य पांच लोगों ने अस्पतालों में दम तोड़ दिया. हादसे में कुल 1,208 लोग घायल हुए थे.
6 जून को, सीबीआई ने मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने के बाद ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना की जांच अपने हाथ में ले ली. दुर्घटना के बाद इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के बीच एजेंसी शामिल हो गई. रेलवे अधिकारियों ने तोड़फोड़ की चिंता जताई थी, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम ट्रेनों की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है.
सीबीआई ने अपनी जांच शुरू करने के साथ ही स्टेशन को सील कर दिया और “लॉग बुक”, “रिले पैनल” और अन्य उपकरण जब्त कर लिए. रिले इंटरलॉकिंग पैनल को भी सील कर दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप सिग्नलिंग सिस्टम कर्मचारियों के लिए काम करना दुर्गम हो गया था. यहां तक बहनागा बाजार स्टेशन में अगली सूचना तक किसी यात्री की सवारी और माल ढोने के काम से भी रोक दिया गया है, जिसके कारण बहनागा स्टेशन पर सभी ट्रेन संचालन को निलंबित कर दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी बालासोर ट्रेन हादसे में बहनागा बाजार के स्टेशन मास्टर सहित पांच रेलवे कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच कर रही है. चार अन्य कर्मचारी सिग्नलिंग से संबंधित काम के लिए जिम्मेदार थे, और दुर्घटना के समय ड्यूटी पर थे. 2 जून को हुई ट्रेन दुर्घटना में शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी.