रायपुर। बालको मेडिकल सेंटर (BMC) को कोविड के परीक्षण के लिए राज्य और राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) दोनों की मंजूरी मिल गई है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला बीएमसी छत्तीसगढ़ का पहला निजी अस्पताल बन गया है.

वर्तमान कोविड परिदृश्य को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि निजी अस्पताल इस क्षेत्र में आगे आएं, जिससे जांच में अपेक्षित तेजी आ सके. इसी ध्येय को सामने रखते हुए बीएमसी की प्रयोगशाला विभाग में बेहतरीन हिस्टोपैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, लैब तकनीशियन की नियुक्ति के साथ विश्वस्तरीय उपकरण स्थापित किए गए हैं. बता दें कि यह बीएमसी के कामकाज का सिर्फ तीसरा साल है, और कुछ महीनों में अस्पताल को पूर्ण एनएबीएल मान्यता मिलने की उम्मीद है. एनएबीएल से कोविड परीक्षण के लिए अनुमोदन, बीएमसी द्वारा प्रदर्शित कोविड तैयारियों की श्रृंखला में नवीनतम मील का पत्थर है.

बालको मेडिकल सेंटर के सीओओ एस वेंकट कुमार ने बताया कि बीएमसी कैंसर रोगियों का उपचार करता है जो कोविड से अति सहजता से प्रभावित हो सकते है. कैंसर के रोगियों में कम रोग प्रतिरोधक क्षमता और कैंसर के उपचार के कारण संक्रमण के उच्च जोखिम होते हैं. हालांकि, अस्पताल की टीम ने कैंसर रोगियों के इलाज के लिए कोविड के खतरे को बाधा नहीं बनने दिया, लेकिन तेजी से कोविड परीक्षा-परिणाम प्राप्त करने से डॉक्टर्स को जल्द से जल्द उचित उपचार शुरू करने और रिश्तेदारों और कर्मचारियों की अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

बलको मेडिकल सेंटर के हॉस्पिटल इंफेक्शन कंट्रोल एचओडी एंड कंसल्टेंट माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. मनीषा साहू ने बताया कि अब तक केवल एम्स और जेएनएम मेडिकल कॉलेज, आईआरएल जैसे सरकारी अस्पतालों को ही कोविड नमूनों की जांच की अनुमति थी. कोविड -प्रभावित लोगों की संख्या में भारी वृद्धि के कारण और जांच के परिणाम में देरी के कारण, हमें नमूनों को मुंबई भेजना पड़ा. नतीजे आने में 3-4 दिन लग जाते थे. ICMR और NABL द्वारा आणविक परीक्षण की मंजूरी के माध्यम से कोविड नमूने अब हमारे अस्पताल में संसाधित किए जा सकते हैं, और परिणाम अब एक दिन के भीतर प्राप्त किए जा सकते हैं.]

बालको मेडिकल सेंटर के सीएमएस एवं सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. जयेश शर्मा ने कहा कि हमें लगता है कि कैंसर के मरीज के इलाज में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं होना चाहिए. अगर कोई कैंसर रोगी, जो कोविड पॉजिटिव है, किसी भी ऑपरेशन से गुजरता है, तो उसकी जान को जोखिम बहुत बड़ जाता है. इन-हाउस कोविड परीक्षण का अनुमोदन हमें कुछ घंटों के भीतर पॉजिटिव रोगियों की पहचान करने और हमें उनके लिए उचित कैंसर उपचार प्रोटोकॉल तय करने में मदद करेगा. यह हमारे रोगियों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा.

सीओओ वेंकट ने बीएमसी के विभिन्न स्तरों पर तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा है कि बीएमसी ने मुख्य द्वार पर हर आने वाले की थर्मल स्कैनिंग, सख्त सामाजिक दूरी, हाथ की स्वच्छता का पालन करने के साथ व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) निर्धारित न्यूनतम स्तर से अधिक सुनिश्चित करने के उपाय किए हैं. सभी रोगियों और उनके परिचारकों को ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क भी प्रदान किए जाते हैं. इसके साथ कोविड रोग के लक्षणों, यात्रा और कोविड रोगियों के संपर्क इतिहास के लिए सभी रोगियों को पहले सावधानीपूर्वक जांच की जाती है.

उन्होंने बताया कि संदिग्धों को एक अलग आइसोलेशन वार्ड में भेजने के लिए सुनिश्चित किया गया है. भीड़भाड़ को रोकने के लिए, रोगी के साथ केवल एक परिचर को अनुमति दी जा रही है. इसके अलावा, कुशल इंजीनियरिंग नियंत्रण जैसे कि वायु परिवर्तन, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में, किसी भी एयरोसोल उत्पन्न करने की प्रक्रिया के लिए समर्पित नकारात्मक दबाव कमरे हैं. पूरे अस्पताल और एम्बुलेंस की लगातार स्वच्छता और फॉगिंग सुनिश्चित करने के लिए सख्त प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है.