रायपुर। बालको मेडिकल सेंटर के ट्रांसफ्यूज़न मेडिसिन विभाग के ब्लड बैंक एवं इम्यूनोहेमाटोलॉजी पर आधारित हैंड्सऑन कार्यशाला का आयोजन किया. छत्तीसगढ़ के विभिन्न ब्लड बैंक के लगभग 70 डॉक्टरों, मेडिसिन इंचार्ज व टेक्नोलॉजिस्ट ने कार्यशाला में हिस्सा लिया. इसमें बार–बार खून चढ़ाने वाले मरीजों को सही तरीके से सेफ ट्रांसफ्यूज़न पर जानकारी दी गई.
कार्यशाला के आयोजक बालको मेडिकल सेंटर कंस्लटेंट एंड एचओडी ट्रांसफ्यूज़न मेडिसिन डॉ.नीलेश जैन ने बताया कि ऐसे कई मरीज आते हैं, जिन्हें बार–बार ब्लड ट्रांसफ्यूज़न की जरूरत पड़ती है, और इसी के चलते उनको ‘मैचएड ब्लड’ नहीं मिल पाता है. विशेष रूप से थैलेसीमिया, सिकलसेल, एनीमिया एवं ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीजों में इस प्रकार की समस्या ज्यादा पाई जाती है, व उनके ट्रांसफ्यूज़न में कई प्रकार की समस्या आती है. इस प्रकार की कार्यशालाओं से सुनिश्चित कर सकते हैं कि मरीजों को ब्लड सम्बंधित समस्याएं न हो.
कार्यशाला में जाने–माने अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया जिसमें डॉ. संकल्प शर्मा एम्स-रायपुर, डॉ. नंदकिशोर यशोदा हॉस्पिटल-हैदराबाद और डॉ.सागर चैटर्जी आर्थो-क्लीनिकल डायग्नोस्टिक-कोलकाता ने व्याखान दिए. कार्यशाला में आये सभी प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया और हैंड्स ऑन प्रेक्टिस की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की रूप में ड्रग्स कंट्रोलर छग एसएन राठौड़ एवं लाइसेंसिंग ऑथोरिटी, छग हिरेन पटेल और कंसलटेंट एवं एचओडी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (बालको मेडिकल सेंटर) डॉ. एसएस चौहान शामिल रहे.